दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के एक उम्मीदवार को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। महरौली से मौजूदा विधायक नरेश यादव को फिर से टिकट दिए जाने के बाद ‘कुरान के अपमान’ का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां खासकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और भाजपा ने ‘आप’ पर निशाना साधा है।
आप उम्मीदवार नरेश यादव को लेकर विवाद
‘आप’ ने विवादों में घिरे महरौली सीट के विधायक नरेश यादव को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है।
- दोषी ठहराए गए: नरेश यादव को 30 नवंबर को पंजाब के मालेरकोटला में कुरान की बेअदबी के मामले में दोषी करार दिया गया।
- सजा: अदालत ने उन्हें 2 साल की सजा और 11,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
- आरोप: 2016 में मालेरकोटला में कुरान के फटे पन्ने मिलने के मामले में यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए, 153ए, और 120बी के तहत दोषी ठहराया गया।
आप के इस फैसले पर उठे सवाल
नरेश यादव को टिकट दिए जाने पर आम आदमी पार्टी को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
- एआईएमआईएम का विरोध:
- एआईएमआईएम ने इसे ‘मुसलमानों के गाल पर तमाचा’ बताया।
- दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शोएब जमई ने कहा,
“आप ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया, जो इस्लाम और सांप्रदायिक भावनाओं का अपमान करने का दोषी है।”
- पार्टी ने मुस्तफाबाद में विरोध प्रदर्शन करते हुए अरविंद केजरीवाल का पुतला फूंका।
- भाजपा का हमला:
भाजपा ने भी इस मुद्दे को भुनाने की तैयारी शुरू कर दी है। अल्पसंख्यक मोर्चे ने इस पर दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन किया।
‘कुरान के अपमान’ का मामला: क्या है सच?
2016 में मालेरकोटला में कुरान के पन्ने फटे हुए पाए गए थे।
- शुरुआती गिरफ्तारी: पुलिस ने पहले विजय, गौरव, और किशोर नामक तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
- बाद में जांच में नरेश यादव का नाम भी सामने आया।
- अदालत की कार्रवाई: मार्च 2021 में उन्हें निचली अदालत ने बरी कर दिया, लेकिन शिकायतकर्ता मोहम्मद अशरफ की अपील पर जिला अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया।
एआईएमआईएम की बढ़ती सक्रियता
दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश में जुटी एआईएमआईएम ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है।
- पार्टी ने महरौली के साथ-साथ मुस्तफाबाद जैसे इलाकों में अभियान तेज कर दिया है।
- ताहिर हुसैन जैसे विवादित चेहरों को टिकट देकर पार्टी सीधे ‘आप’ के मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।
आप की रणनीति पर असर
दिल्ली में अब तक ‘आप’ का मुस्लिम वोटबैंक मजबूत रहा है।
- पार्टी ने मुस्लिम बहुल सीटों पर लगातार जीत हासिल की, जहां कभी कांग्रेस का दबदबा था।
- लेकिन नरेश यादव को टिकट देने का फैसला पार्टी के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
भाजपा का एजेंडा और बढ़ते विवाद
भाजपा ने भी इस मुद्दे को अपनी चुनावी रणनीति में शामिल कर लिया है।
- ध्रुवीकरण की राजनीति: भाजपा ने नरेश यादव के मामले को अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का उदाहरण बताते हुए आप की नीतियों पर हमला किया।
- प्रदर्शन: दिल्ली अल्पसंख्यक मोर्चे ने हाल ही में इस मुद्दे पर बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया।
क्या कहती है आप?
‘आप’ ने अब तक नरेश यादव के टिकट को लेकर कोई सार्वजनिक सफाई नहीं दी है।
- पार्टी का मानना है कि उनके पुराने रिकॉर्ड और क्षेत्रीय पकड़ को देखते हुए उन्हें टिकट दिया गया।
- पार्टी के भीतर भी इस फैसले को लेकर असंतोष की खबरें सामने आ रही हैं।
क्या होगा असर?
- एआईएमआईएम का प्रभाव:
ओवैसी की पार्टी दिल्ली के मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। - भाजपा की रणनीति:
भाजपा ‘आप’ के इस फैसले को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश में है। - मुस्लिम वोटर्स पर प्रभाव:
नरेश यादव की उम्मीदवारी और एआईएमआईएम के विरोध से ‘आप’ के मुस्लिम वोटबैंक पर असर पड़ सकता है।