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संसद में अमित शाह के बयान पर बवाल: क्या है पूरा मामला?

Amit Shah And Priyanka Rahul Gan

संसद में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि अमित शाह ने आंबेडकर का अपमान किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बर्खास्तगी की मांग की।

अमित शाह पर विपक्ष का आरोप और बीजेपी का पलटवार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित विपक्षी नेताओं ने अमित शाह के बयान पर सवाल उठाए। खरगे ने दावा किया कि शाह ने संविधान निर्माता का अनादर किया है। वहीं, अमित शाह और बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उनके बयान को संदर्भ से हटाकर और तोड़-मरोड़कर पेश किया। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि वे बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान सपने में भी नहीं कर सकते।

अमित शाह के बयान की मुख्य बातें
कथित विवादित बयान में अमित शाह ने कहा:

“अभी एक फैशन हो गया है—आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”

अमित शाह ने यह बयान नेहरू की कैबिनेट से बाबा साहेब आंबेडकर के इस्तीफे के संदर्भ में दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए आंबेडकर का नाम लेती है लेकिन उनके विचारों को लागू करने में विफल रही है।

आंबेडकर का नाम लेने की राजनीति पर सवाल
अमित शाह ने अपनी बात रखते हुए कहा:

“आंबेडकर जी का नाम 100 बार लो, लेकिन उनके विचारों और उनके आदर्शों का पालन करना भी जरूरी है। कांग्रेस ने कभी आंबेडकर के सिद्धांतों का सम्मान नहीं किया।”

आंबेडकर के इस्तीफे का कारण और नेहरू का रवैया
अमित शाह ने संसद में आंबेडकर के पहले मंत्रिमंडल से इस्तीफे के कारणों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ हो रहे भेदभाव और सरकार की विदेश नीति व अनुच्छेद 370 से असहमति के चलते इस्तीफा दिया था।
शाह ने आगे बताया कि नेहरू ने एक पत्र में लिखा था:

“राजाजी के जाने से थोड़ा नुकसान होगा, लेकिन आंबेडकर के जाने से मंत्रिमंडल कमजोर नहीं होगा।”

यह टिप्पणी कांग्रेस की आंबेडकर और उनके विचारों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाती है।

अमित शाह का बचाव: ‘आंबेडकर का अपमान असंभव’
अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका पूरा बयान सुना जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह आंबेडकर का अपमान कभी नहीं कर सकते। शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी संविधान, आरक्षण और आंबेडकर विरोधी रही है।

बीजेपी का कांग्रेस पर हमला
बीजेपी के प्रवक्ता और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि अमित शाह के बयान का केवल 12 सेकंड का वीडियो क्लिप निकालकर गुमराह करने की कोशिश की गई। रिजिजू ने कहा:

“कांग्रेस ने कभी आंबेडकर के विचारों का सम्मान नहीं किया। यह पार्टी संविधान के मूल्यों को कुचलने के लिए जानी जाती है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हस्तक्षेप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमित शाह का बचाव करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान संविधान के मूल्यों को नष्ट किया और हमेशा राजनीतिक लाभ के लिए आंबेडकर का नाम इस्तेमाल किया।

कांग्रेस और बीजेपी की वैचारिक लड़ाई
यह विवाद आंबेडकर के विचारों और उनकी विरासत को लेकर कांग्रेस और बीजेपी की वैचारिक लड़ाई का हिस्सा बन गया है।

  1. कांग्रेस का दावा: बीजेपी आंबेडकर के आदर्शों का सम्मान नहीं करती।
  2. बीजेपी का जवाब: कांग्रेस ने आंबेडकर और उनके विचारों को हमेशा नकारा है।

संविधान और आंबेडकर की विरासत पर राजनीति
यह घटना दिखाती है कि भारतीय राजनीति में संविधान और आंबेडकर की विरासत कैसे राजनीतिक बयानबाजी का हिस्सा बन गई है। सवाल यह उठता है कि क्या राजनीतिक दल वास्तव में आंबेडकर के विचारों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, या केवल उनके नाम का उपयोग कर रहे हैं?