Urad Dal For Diabetes: भारत समेत पूरी दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है, इसके लिए आनुवांशिक कारणों के अलावा मौजूदा समय की बिगड़ती लाइफस्टाइल और गलत खान-पान काफी हद तक जिम्मेदार है। डायबिटीज के मरीजों को अक्सर प्रोटीन डाइट लेने की सलाह दी जाती है, इसके लिए चिकन और मछली खाना थोड़ा जोखिम भरा होता है क्योंकि इन्हें पकाने में काफी तेल का इस्तेमाल होता है। अगर आप इसकी जगह उड़द की दाल का सेवन करते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए काफी बेहतर रहेगा।
उड़द दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व
डायटीशियन आयुषी यादव ने बताया कि उड़द की दाल प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत मानी जाती है। इसके अलावा इसमें पोटेशियम, आयरन, फोलेट और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो न केवल डायबिटीज के मरीजों के लिए बल्कि सभी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। उड़द की दाल में मौजूद जरूरी अमीनो एसिड शरीर के कार्यों में अहम भूमिका निभाते हैं।
मधुमेह के लिए फायदेमंद है उड़द की दाल
उड़द की दाल दो रूपों में आती है, अगर इसे छिलके सहित खाया जाए तो इसका रंग काला और पीला दोनों दिखाई देता है। कई लोग इसे बिना छिलके के भी खाते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और डायटरी फाइबर होता है, जिसकी मदद से ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना आसान हो जाता है।
दुनिया भर में किए गए शोध से पता चला है कि जब स्वस्थ और संतुलित आहार के साथ फाइबर का सेवन किया जाता है, तो रक्त में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रहता है क्योंकि यह पोषक तत्व रक्त में शर्करा के अवशोषण को कम करता है, जिससे रोगी का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
उड़द दाल खाने का एक स्वस्थ तरीका
आपको उड़द की दाल को सामान्य दाल की तरह ही पकाना चाहिए जिसमें पानी, नमक और हल्दी मिलाई जाती है। इस दाल में किसी भी तरह का तड़का न डालें क्योंकि तेल की मात्रा बढ़ने के कारण यह नुकसानदायक साबित हो सकता है। उड़द की दाल का इस्तेमाल आमतौर पर वड़ा बनाने के लिए किया जाता है जो कि एक दक्षिण भारतीय व्यंजन है, लेकिन मधुमेह के रोगियों को इससे बचना चाहिए क्योंकि वड़ा तलने में बहुत अधिक तेल का इस्तेमाल होता है। तली हुई चीजें आपकी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती हैं।