भगवान कुबेर को धन और समृद्धि का देवता माना जाता है। यह कहा जाता है कि जिनके घर में कुबेर देवता का वास होता है, वहां कभी धन की कमी नहीं होती। कुबेर देवता की पूजा आमतौर पर कुबेर यंत्र (Kuber Yantra) के माध्यम से की जाती है। अगर आप अपने घर में कुबेर देवता की कृपा पाना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र के इन नियमों का पालन अवश्य करें।
धन कुबेर की दिशा कौन सी है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान कुबेर का वास घर की उत्तर-पूर्व दिशा (North-East Direction) में होता है। इसे ईशान कोण भी कहते हैं। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा से भरी मानी जाती है और घर में समृद्धि लाने में सहायक होती है।
उत्तर-पूर्व दिशा का महत्व: शुभ या अशुभ?
- उत्तर-पूर्व दिशा को शुभ माना गया है।
- इस दिशा में घर बनाना या किसी महत्वपूर्ण वस्तु को रखना बेहद लाभकारी होता है।
- यह दिशा घर में खुशियां, शांति, और समृद्धि लाती है।
- तिजोरी या धन रखने के लिए उत्तम दिशा:
- अगर घर की तिजोरी या धन रखने का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में हो, तो धन का प्रवाह बढ़ता है।
- यह दिशा घर के सभी सदस्यों के लिए भाग्यशाली मानी जाती है।
- स्वास्थ्य और समृद्धि:
- इस दिशा का सही उपयोग करने से परिवार के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
उत्तर-पूर्व दिशा को कैसे व्यवस्थित रखें?
- साफ-सुथरा रखें:
- इस दिशा में हमेशा साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- किसी भी प्रकार की गंदगी या फालतू सामान न रखें।
- मंदिर का स्थान:
- अगर घर का मंदिर उत्तर-पूर्व दिशा में हो, तो इसे बेहद शुभ माना जाता है।
- इस स्थान पर भगवान कुबेर का यंत्र स्थापित करें।
- भारी सामान रखने से बचें:
- इस दिशा में भारी सामान रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो सकता है।
- जूते-चप्पल और गंदगी से बचें:
- उत्तर-पूर्व दिशा में जूते-चप्पल रखना अशुभ माना जाता है।
- बाथरूम या सीढ़ियां:
- इस दिशा में बाथरूम या सीढ़ियां बनाने से बचें।
- अगर ऐसा पहले से है, तो इसका वास्तु उपाय करना आवश्यक है।
कुबेर यंत्र से करें समृद्धि आकर्षित
- कुबेर यंत्र (Kuber Yantra) को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना अत्यंत शुभ माना गया है।
- अगर आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो कुबेर यंत्र से आपको सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।