शादी का शुरुआती दौर पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने का सबसे अहम समय होता है। इस दौरान दोनों पार्टनर को एक-दूसरे को समझने और एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाने का मौका मिलता है। हालांकि, इस समय की कुछ छोटी-छोटी गलतियां रिश्ते में खटास पैदा कर सकती हैं।
आइए जानते हैं शादी के शुरुआती दिनों में कौन सी चीजें नहीं करनी चाहिए ताकि आपके रिश्ते में खुशियां बनी रहें।
अति अधिकार जताना
शादी के शुरूआती दौर में कई लोग अपने पार्टनर पर हद से ज्यादा अधिकार जताने लगते हैं। जरूरत से ज्यादा अधिकार जताने की वजह से पार्टनर को घुटन महसूस हो सकती है। इससे धीरे-धीरे रिश्ते में दूरियां बढ़ सकती हैं। इसलिए पार्टनर को आजादी देना और उनके साथ भरोसा बनाए रखना बहुत जरूरी है।
तुलना
शादी के बाद आपको अपने पार्टनर की किसी दूसरे रिश्ते या व्यक्ति से तुलना करने से बचना चाहिए। ऐसी तुलना दोनों के बीच नकारात्मकता पैदा कर सकती है और पार्टनर के मन में हीन भावना पैदा कर सकती है। ऐसी बातें रिश्ते को कमजोर कर सकती हैं, इसलिए अपने पार्टनर की खूबियों को स्वीकार करें।
केवल अपने विचार व्यक्त करना
एक रिश्ते में दो लोगों के विचार महत्वपूर्ण होते हैं। शादी के शुरुआती दिनों में अपने विचारों को ज़्यादा महत्व देना और अपने साथी की बात न सुनना रिश्ते में तनाव पैदा कर सकता है। एक अच्छे साथी का यह कर्तव्य है कि वह अपने साथी की बात सुने और उनके विचारों को समझे।
परिवारों के बीच तुलना
शादी के बाद कई बार पार्टनर एक-दूसरे के परिवारों की तुलना करने लगते हैं। यह आदत रिश्ते में कड़वाहट ला सकती है। बेहतर होगा कि आप दोनों परिवारों की अलग-अलग खूबियों की सराहना करें और किसी भी तरह की तुलना से बचें।
कई बार लोग दूसरों की बातों से प्रभावित होकर अपने पार्टनर के बारे में गलतफहमियां पाल लेते हैं। शादी के शुरुआती दौर में अपने पार्टनर पर भरोसा बनाए रखना बहुत जरूरी है। किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए दूसरों की बातें सुनने से पहले खुद स्थिति को समझें।
इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं और शादी के शुरुआती दौर का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।