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IIT से आध्यात्म तक: इंजीनियरिंग छोड़कर संन्यास का मार्ग अपनाने वाले महान संतों की कहानी

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आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों, शोध, और छात्रों को मिलने वाले आकर्षक पैकेज के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल के दिनों में, आईआईटी बाबा के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह ने इस प्रतिष्ठित संस्थान को आध्यात्मिक चर्चा का केंद्र बना दिया है।

हालांकि, अभय सिंह अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने आईआईटी जैसी शीर्ष संस्थान से डिग्री हासिल करने के बाद संन्यास और आध्यात्म का मार्ग चुना। आइए जानते हैं उन अद्वितीय संतों और साधुओं के बारे में जिन्होंने भौतिक सफलता को त्यागकर आत्मिक संतोष की राह पकड़ी।

1. गौरंग दास (IIT बॉम्बे)

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
    • IIT बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक।
  • आध्यात्मिक यात्रा:
    • इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) से जुड़कर आध्यात्मिक जीवन को अपनाया।
    • सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी उन्हें एक प्रेरक व्यक्तित्व बनाती है।
  • प्रमुख योगदान:
    • कई किताबें लिखीं और लाखों लोगों को भगवद्गीता और कृष्ण भक्ति का संदेश दिया।

2. अभय सिंह (IIT बॉम्बे)

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
    • IIT बॉम्बे से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक।
  • आध्यात्मिक परिवर्तन:
    • कनाडा में उच्च वेतन वाली नौकरी छोड़कर संन्यास का मार्ग अपनाया।
    • हाल ही में आईआईटी बाबा के नाम से चर्चित हुए हैं।

3. आचार्य प्रकाशांत (IIT दिल्ली)

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
    • IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री।
  • आध्यात्मिक योगदान:
    • कॉर्पोरेट करियर छोड़कर एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक मार्गदर्शक बने।
    • जीवन के गहरे प्रश्नों पर आधारित कई किताबें लिखीं।

4. संकेत पारिख (IIT बॉम्बे)

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
    • IIT बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री।
  • आध्यात्मिक जीवन:
    • अमेरिका में एक सफल करियर छोड़कर जैन संन्यास को अपनाया।
    • उनका जीवन जैन दर्शन, साधना, और तपस्या का प्रतीक है।

5. महान एमजे (IIT कानपुर)

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
    • IIT कानपुर से स्नातक और UCLA से पीएचडी।
  • आध्यात्मिक उपलब्धि:
    • रामकृष्ण मठ के संन्यासी।
    • गणित के प्रोफेसर के रूप में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में योगदान।
    • हाइपरबोलिक ज्योमेट्री और ज्योमेट्रिक ग्रुप थ्योरी में महत्वपूर्ण शोध।

6. स्वामी मुकुंदानंद (IIT दिल्ली)

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
    • IIT दिल्ली के पूर्व छात्र।
  • आध्यात्मिक योगदान:
    • जगद्गुरु कृष्णपालजी योग की स्थापना।
    • योग, ध्यान, और आध्यात्म पर किताबें लिखीं।
    • वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक और कल्याण कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

7. अविरल जैन (IIT BHU)

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
    • IIT BHU से कंप्यूटर साइंस में डिग्री।
  • आध्यात्मिक यात्रा:
    • वालमार्ट की नौकरी छोड़कर जैन संन्यास का मार्ग अपनाया।
    • साधना और तपस्या में खुद को समर्पित किया।

8. स्वामी विद्यनाथ नंद (IIT कानपुर)

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
    • IIT कानपुर से स्नातक और UCLA से पीएचडी।
  • आध्यात्मिक योगदान:
    • रामकृष्ण मठ से जुड़े और वेदांत और सेवा कार्यों में खुद को समर्पित किया।
    • उनके जीवन का संदेश भौतिक और आध्यात्मिक संतुलन पर आधारित है।

9. सन्यास महाराज (IIT स्नातक)

  • आध्यात्मिक योगदान:
    • IIT से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद संन्यास का मार्ग अपनाया।
    • उनकी शिक्षाएं आंतरिक शांति और आत्म-साक्षात्कार पर आधारित हैं।