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High BP Symptoms: हाई बीपी के कारण, लक्षण और बचाव

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हाई बीपी के लक्षण: भारत में हर 3 में से 1 व्यक्ति हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) से पीड़ित है। हाई बीपी कई समस्याओं का कारण बनता है, जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी फेलियर। तो इस आर्टिकल में हम आपको हाई बीपी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय बताएंगे।

हाई बीपी क्या है?
संकुचित रक्त वाहिकाएँ (धमनियाँ) रक्त प्रवाह के प्रति अधिक प्रतिरोध पैदा करती हैं। नसें जितनी संकरी होंगी, प्रतिरोध उतना ही अधिक होगा और बीपी उतना ही अधिक होगा। हाई बीपी के कोई लक्षण नहीं होते, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

हाई बीपी के कारण

हाई बीपी तब होता है जब शरीर की नसों में बीपी बढ़ जाता है।

  • मोटापा
  • टाइप 2 मधुमेह
  • गुर्दा रोग
  • नींद की समस्या
  • अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव थायराइड
  • इसके अलावा कुशिंग सिंड्रोम, एक्रोमेगाली या फियोक्रोमोसाइटोमा जैसी जन्मजात स्थितियां होना भी एक जोखिम कारक है। कम वसा वाले खाद्य पदार्थ खाने, मध्यम वजन बनाए रखने, शराब का सेवन कम करने और तंबाकू धूम्रपान छोड़ने से हाई बीपी के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।

हाई बीपी के लक्षण

  • सिरदर्द
  • सांस लेने में दिक्क्त
  • चक्कर आना
  • थकान
  • धुंधली दृष्टि
  • चक्कर आना
  • इसके अलावा अगर परिवार में किसी को यह समस्या है तो आपको भी इस बीमारी का खतरा रहता है।

हाई बीपी से बचाव के उपाय

  • धूम्रपान छोड़ने
  • तनाव से दूर रहें
  • प्रत्येक सप्ताह कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें
  • प्रतिदिन 7 से 9 घंटे की नींद लें
  • नमक का सेवन कम करें
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें

हाई बीपी से क्या समस्याएं होती हैं?
हाई बीपी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. यह किसी व्यक्ति के हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे और आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने के अलावा, हाई बीपी वाले लोगों को अपने बीपी को नियंत्रित करने के लिए दवाएं लेने की आवश्यकता होती है। लेकिन पहले डॉक्टर से सलाह लें.