बचपन और किशोरावस्था में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) जैसी गंभीर समस्या भविष्य में हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है। हाल ही में हुए एक शोध में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
नए शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि बचपन और किशोरावस्था में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) वयस्कता में दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसे गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों को चार गुना तक बढ़ा सकता है। यह शोध 1996 से 2021 के बीच कनाडा के ओंटारियो में 25,605 बच्चों और किशोरों पर किया गया, जिन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या थी।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन बच्चों और किशोरों को बचपन में उच्च रक्तचाप था, उनमें वयस्क होने पर दिल का दौरा, स्ट्रोक या हृदय शल्य चिकित्सा होने की संभावना उन लोगों की तुलना में दो से चार गुना अधिक थी, जिन्हें यह स्थिति नहीं थी। यह शोध कम उम्र में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और इसके जोखिमों को कम करने के महत्व को रेखांकित करता है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण लक्षण
बच्चों में उच्च रक्तचाप के लक्षणों को पहचानना कठिन हो सकता है, क्योंकि प्रायः लोग इन्हें सिरदर्द, थकान, नाक से खून आना और सांस लेने में तकलीफ जैसे सामान्य लक्षणों के साथ भ्रमित कर देते हैं।
उच्च रक्तचाप के कारण
बच्चों में उच्च रक्तचाप के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मोटापा, उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास, गुर्दे की समस्याएं और कुछ दवाएं शामिल हैं।
चिकित्सा उपचार
बच्चों में उच्च रक्तचाप का इलाज जीवनशैली में बदलाव, दवाओं और अन्य चिकित्सा उपचारों के माध्यम से किया जा सकता है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ वजन बनाए रखने जैसे जीवनशैली में बदलाव उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
माता-पिता के लिए संदेश
माता-पिता को अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए और नियमित रूप से उनके स्वास्थ्य की जांच करानी चाहिए। अगर आपके बच्चे में हाई ब्लड प्रेशर के कोई लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।