स्वास्थ्य सुझाव: शारीरिक, मानसिक या यौन कमजोरी से पीड़ित व्यक्ति के लिए विधारा का फूल बहुत फायदेमंद हो सकता है। अगर विधारा का सही तरीके से प्रयोग किया जाए तो कभी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जो पुरुष शारीरिक कमजोरी और यौन नपुंसकता से पीड़ित हैं उनके लिए विधारा एक जड़ी बूटी साबित होती है। विधारा को अश्वगंधा के साथ मिलाकर एक आयुर्वेदिक औषधि बनाई जाती है जो सभी प्रकार की बीमारियों के लिए एक प्रभावी उपाय है।
कानून क्या है?
विधारा एक सुंदर बैंगनी बेल के आकार का फूल है। इसके पत्ते पान के पत्ते के समान होते हैं। विधारा को संस्कृत में वृद्ध दारू और अंग्रेजी में एलीफेंट क्रीपर कहा जाता है। भारत में विधारा का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। विधारा पाउडर भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है।
कानून किन समस्याओं में उपयोगी है?
अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो विधारा आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। विधारा जोड़ों के दर्द के अलावा बवासीर, सूजन, मधुमेह, खांसी, पेट में कीड़े, एनीमिया, मिर्गी, दस्त जैसी समस्याओं से भी राहत दिला सकती है। विधारा की जड़ का उपयोग त्वचा रोग और बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है।
अधिनियम के लाभ
विधारा स्वाद में कड़वी और तीखी होती है। इसकी तासीर गर्म होती है. यह जल्दी पच जाता है. विधारा का प्रयोग कफ और वात को शांत करता है। यह औषधि पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाती है और वीर्य को गाढ़ा करती है। इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं।