उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत कस्बे में मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। भगवान आदिनाथ के निर्वाण लड्डू पर्व पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मान स्तंभ परिसर में लकड़ी से बनी अस्थायी सीढ़ियां ढह गईं। इस हादसे में सात श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं और पांच पुरुष शामिल हैं। इसके अलावा, 80 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए।
हादसे के बाद मचा हड़कंप
घटना के बाद मृतकों के परिजन और समाज के लोग पोस्टमार्टम का विरोध करते हुए हंगामा करने लगे। लोगों ने डीएम और एसपी का घेराव किया और तीखी बहस हुई। पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय मौके पर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और राहत व बचाव कार्यों में जुट गए। घायलों में पुरुषों के साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। एंबुलेंस की अनुपलब्धता के कारण घायलों को ई-रिक्शा में अस्पताल पहुंचाया गया।
कैसे हुआ हादसा?
घटना बड़ौत शहर के गांधी रोड स्थित श्री दिगंबर जैन डिग्री कॉलेज के मैदान में हुई। यहां भगवान आदिनाथ के निर्वाण महोत्सव के तहत 65 फीट ऊंचा लकड़ी का मंच तैयार किया गया था। जैसे ही श्रद्धालु मान स्तंभ में विराजमान प्रतिमा का अभिषेक करने के लिए अस्थायी सीढ़ियों पर चढ़ने लगे, सीढ़ियां अचानक भरभराकर गिर पड़ीं। सीढ़ियों के गिरने से नीचे मौजूद लोग भी दब गए।
श्रद्धालुओं में मची भगदड़
सीढ़ियां गिरते ही मौके पर भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि, पर्याप्त एंबुलेंस उपलब्ध न होने की वजह से कई घायलों को ई-रिक्शा और निजी वाहनों में अस्पताल ले जाया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत इसका संज्ञान लिया। उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने और उनके समुचित इलाज के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है।
घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। घायलों को प्राथमिक चिकित्सा के बाद गंभीर हालत में जिला अस्पताल और मेरठ रेफर किया गया। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
समाज और परिजनों की मांग
हादसे के बाद मृतकों के परिजन पोस्टमार्टम कराने का विरोध कर रहे हैं। समाज के लोगों ने इस घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना न केवल बागपत बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हृदय विदारक है। धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और मजबूत निर्माण की जरूरत को इस हादसे ने उजागर किया है।