कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि इन संगठनों ने भारत की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं निभाई। उन्होंने भाजपा और आरएसएस से इतिहास में उनके योगदान का उदाहरण देने की चुनौती दी।
आंबेडकर को सम्मान देने में कांग्रेस की भूमिका पर जोर
खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर को सम्मान देने में कांग्रेस ने जो कदम उठाए, वैसा कोई और नहीं कर सकता।” उन्होंने बताया कि:
- बाबासाहेब को संविधान सभा में लाने के लिए कांग्रेस ने एम.आर. जयकर का इस्तीफा कराया।
- महात्मा गांधी ने बाबासाहेब का नाम संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में सुझाया।
- बाबासाहेब को देश का पहला कानून मंत्री बनाने में गांधीजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- कांग्रेस ने बाबासाहेब को राज्यसभा में दो बार निर्विरोध चुना, ताकि वह सम्मानजनक तरीके से संसद का हिस्सा बन सकें।
संसद में अंबेडकर की मूर्ति लगाने का जिक्र
खरगे ने बताया कि 2 अप्रैल 1967 को कांग्रेस सरकार ने संसद भवन में बाबासाहेब की सबसे बड़ी मूर्ति स्थापित की थी। उस समय डॉ. एस. राधाकृष्णन राष्ट्रपति थे और सरदार हुकुम सिंह लोकसभा के अध्यक्ष।
भाजपा-आरएसएस पर आरोप
खरगे ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया कि:
- आरएसएस ने 52 वर्षों तक अपने नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया और कोर्ट के आदेश के बाद ऐसा करने के लिए मजबूर हुआ।
- भाजपा और आरएसएस के सदस्यों ने महात्मा गांधी, नेहरू, डॉ. अंबेडकर के पुतलों को जलाया और संविधान की प्रतियां फूंकी।
- उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस स्वतंत्रता संग्राम, भारतीय तिरंगा, संविधान, और बाबासाहेब अंबेडकर का लगातार विरोध करते रहे।
खरगे की चुनौती
खरगे ने भाजपा और आरएसएस को इतिहास पढ़ने और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को साबित करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधारों में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है, जिसे झूठे प्रचार से मिटाया नहीं जा सकता।