ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिसके बाद उन्हें डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने की सलाह दी जा रही है। बीसीसीआई ने इस संबंध में सख्त नियम भी बनाए हैं, जिससे आगामी रणजी ट्रॉफी के दूसरे राउंड में रोहित शर्मा और विराट कोहली के खेलने की संभावना बढ़ गई है।
अगर विराट कोहली दिल्ली की ओर से रणजी मैच खेलते हैं, तो वह डोमेस्टिक क्रिकेट में लाल गेंद से 13 साल बाद खेलने उतरेंगे। हां, सही सुना आपने, किंग कोहली ने अपना आखिरी रणजी मुकाबला 2012 में खेला था। वहीं, फैब-4 के अन्य सदस्य जो रूट, केन विलियमसन और स्टीव स्मिथ ने हाल ही में 2024 में डोमेस्टिक क्रिकेट खेला है।
विराट कोहली का आखिरी रणजी मुकाबला
विराट कोहली ने 2012 के नवंबर में उत्तर प्रदेश के खिलाफ अपना आखिरी डोमेस्टिक मैच खेला था। इस मैच में उन्होंने पहली पारी में 19 गेंदों पर 14 रन और दूसरी पारी में 65 गेंदों पर 43 रन बनाए थे। दोनों पारियों में उन्हें भुवनेश्वर कुमार ने आउट किया था।
जो रूट का काउंटी क्रिकेट में सक्रिय रहना
जो रूट हाल तक काउंटी क्रिकेट में सक्रिय रहे हैं, और इसका कारण यह है कि उन्हें आईपीएल में ज्यादा मौके नहीं मिले हैं, जिससे वह घरेलू टूर्नामेंटों के लिए उपलब्ध रहते हैं। रूट ने 2024 में यॉर्कशायर के लिए अपना आखिरी फर्स्ट क्लास मैच खेला था, जिसमें उन्होंने पहली पारी में 88 गेंदों पर 67 रन बनाए, जबकि दूसरी पारी में वह केवल 10 रन ही बना पाए।
केन विलियमसन की चोटों के कारण ब्रेक
केन विलियमसन का करियर हाल के समय में चोटों के कारण प्रभावित हुआ है। चोट के चलते वह लंबे समय तक ब्रेक पर थे, जिसका असर उनके खेल पर पड़ा है। 2024 में भारत के खिलाफ सीरीज से चूकने के बाद, विलियमसन ने नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट्स और ऑकलैंड के बीच मैच खेलते हुए वापसी की। इस दौरान उन्होंने नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट्स के लिए 60 और 4 रन बनाए।
स्टीव स्मिथ का घरेलू मैचों में संघर्ष
स्टीव स्मिथ भी 2024 में फॉर्म से जूझ रहे थे। उन्होंने शेफील्ड शील्ड के कुछ डोमेस्टिक मैचों में खेलकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले लय हासिल करने की कोशिश की थी। हालांकि, उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और वह विक्टोरिया के खिलाफ न्यू साउथ वेल्स के लिए खेलते हुए दोनों पारियों में केवल तीन रन ही बना पाए।
इन स्टार खिलाड़ियों का डोमेस्टिक क्रिकेट में खेलना उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी करने का अवसर मिलेगा और बेहतर प्रदर्शन की संभावना बढ़ेगी।