भारतीय सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को बताया कि उत्तरी सीमा पर स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार और सक्षम है। पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “उत्तरी सीमाएं सुरक्षित हैं क्योंकि भारतीय सेना वहां तैनात है और आवश्यक संख्या में मौजूद है।”
जनरल द्विवेदी ने गलवान घाटी में 15 जून 2020 को हुई झड़प का जिक्र करते हुए सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गलवान जैसी घटना दोबारा न हो। इसके लिए हमारी निगाहें और कान हमेशा खुले रहने चाहिए, और राष्ट्र के हर नागरिक को इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि “हमें सभी को मिलकर इस मुद्दे पर एकजुट होना चाहिए ताकि भविष्य में किसी अप्रत्याशित घटनाक्रम का सामना न करना पड़े।”
सेना प्रमुख ने बताया कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम कायम है, लेकिन “घुसपैठ के प्रयास जारी हैं।” उन्होंने उत्तरी सीमा पर आधुनिक उपकरणों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान देने की बात की।
जनरल द्विवेदी ने कहा, “हम भारतीय सेना को एक आधुनिक, चुस्त, हर परिस्थिति के लिए अनुकूल और प्रौद्योगिकी-सक्षम बल बनाने की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।” उन्होंने पुणे में आयोजित 77वीं सेना दिवस परेड का महत्व बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र मराठा शासन के समय से शौर्य और वीरता का प्रतीक रहा है। यह समारोह बॉम्बे इंजीनियर्स ग्रुप (बीईजी) एंड सेंटर में आयोजित किया गया, जो सेना की दक्षिणी कमान के अंतर्गत आता है।