केरल हाई कोर्ट ने मलयालम अभिनेत्री हनी रोज द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी व्यवसायी बॉबी चेम्मनूर को एक दिन पहले जमानत मिलने के बावजूद जेल से बाहर नहीं आने पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने बुधवार को कहा कि चेम्मनूर का आचरण कोर्ट को ललकारने जैसा है। जस्टिस पी. वी. कुन्हीकृष्णन ने चेम्मनूर के वकील पर गुस्से में कहा, “अदालत के साथ नौटंकी मत काजिए। वरना जमानत रद्द हो सकती है।”
कोर्ट ने चेम्मनूर को चेतावनी दी कि उन्हें हाई कोर्ट के साथ खेल नहीं करना चाहिए। जज ने पूछा कि जब जमानत आदेश मंगलवार को शाम चार बजे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था, तो चेम्मनूर जेल से बाहर क्यों नहीं आया। अभियोजन पक्ष ने जानकारी दी कि चेम्मनूर के वकील ने जेल में रिहाई आदेश पेश नहीं किया, जिसके कारण उन्हें बाहर नहीं जाने दिया गया।
चेम्मनूर ने यह भी दावा किया कि वह जेल में कई रिमांड कैदियों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। इस पर कोर्ट ने कहा, “आपको रिमांड कैदियों की वकालत करने की जरूरत नहीं है। उनके मामले को देखने के लिए न्यायपालिका है।” जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने आगे कहा कि चेम्मनूर मीडियाकर्मियों का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और रिहाई आदेश को अपने पास रखकर कहानी गढ़ रहे हैं।
कोर्ट ने चेम्मनूर को दोपहर 12 बजे तक स्पष्टीकरण देने के लिए कहा और कहा कि अगर उनकी जमानत दी गई है, तो उसे रद्द भी किया जा सकता है। जस्टिस ने कहा, “क्या आप सोचते हैं कि आप कानून से ऊपर हैं? मैं पुलिस से उन्हें गिरफ्तार करने और दो सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश देने को कह सकता हूं।”
चेम्मनूर पर मलयालम अभिनेत्री हनी रोज ने अश्लील टिप्पणी और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। अभिनेत्री की शिकायत के अनुसार, चेम्मनूर ने उनके गले में हार पहनाते समय बुरी नीयत से उन्हें छुआ। हालांकि, चेम्मनूर ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए खुद को बेकसूर कहा है।