केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) का दौरा किया। उन्होंने यहां वंदे भारत रेक, अमृत भारत ट्रेनों के डिब्बे और विस्टाडोम डाइनिंग कार का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय रेलवे में हो रहे परिवर्तनों और नई सुविधाओं पर जोर दिया।
अमृत भारत ट्रेन: आम नागरिक के लिए प्रीमियम अनुभव
रेल मंत्री ने कहा,
“अमृत भारत ट्रेन साधारण नागरिकों के लिए डिजाइन की गई है। इसके जनरल कोच में भी प्रीमियम ट्रेन जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसे ‘सबका साथ, सबका विकास और अंत्योदय’ की भावना से बनाया गया है।”
नई सुविधाएं:
- उन्नत गुणवत्ता वाली सीटें और पंखे।
- मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स।
- नए डिजाइन के शौचालय।
वंदे भारत ट्रेनों में सुधार:
रेल मंत्री ने बताया कि वंदे भारत ट्रेनों में भी लगातार सुधार किए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके।
रेलवे सुरक्षा और बुनियादी ढांचा सुधार
ICF में पत्रकारों से बात करते हुए, रेल मंत्री ने रेलवे की सुरक्षा और बुनियादी ढांचे में किए जा रहे सुधारों का उल्लेख किया:
- कवच तकनीक:
“10 हजार लोकोमोटिव पर ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली लगाई जा रही है।”
- ट्रैकसाइड फिटिंग:
“15 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर नई फिटिंग की जा रही है।”
- कैमरे और नए बोल्ट:
“इंजनों के आगे कैमरे लगाए जा रहे हैं। साथ ही, नए डिजाइन के बोल्ट जोड़े जा रहे हैं ताकि उन्हें आसानी से निकाला न जा सके।”
अमृत भारत ट्रेन के किराए पर फैसला
अमृत भारत ट्रेनों के किराए से जुड़े सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय रेलवे बोर्ड द्वारा लिया जाएगा।
एएनआई द्वारा जारी फुटेज:
रेल मंत्री का दौरा का वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने साझा किया है, जिसमें उन्हें ट्रेनों का निरीक्षण करते और संबंधित अधिकारियों से महत्वपूर्ण जानकारियां लेते हुए देखा गया।
सुप्रीम कोर्ट की रेलवे टिकट प्रणाली पर अहम टिप्पणी
रेल मंत्री का यह दौरा ऐसे समय हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे टिकट प्रणाली की शुचिता पर कड़ी टिप्पणी की।
कोर्ट का बयान:
“भारतीय रेलवे देश के बुनियादी ढांचे का मुख्य आधार है। इसकी टिकट प्रणाली की स्थिरता को बाधित करने के हर प्रयास को रोका जाना चाहिए।”
महत्वपूर्ण आंकड़े:
- भारतीय रेलवे सालाना लगभग 673 करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करता है।
- रेलवे की टिकट प्रणाली का व्यवधान देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
सुनवाई का विषय:
यह टिप्पणी रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 143 की व्याख्या पर केंद्रित थी। यह धारा रेलवे टिकटों की अनधिकृत खरीद और बिक्री पर रोक लगाती है और इसके लिए जुर्माने का प्रावधान करती है।