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गुरप्रीत सिंह की हत्या का मामला,एफआईआर में नए प्रावधान जोड़े गए

Amritpal Singh Ht File 1736393

पंजाब पुलिस ने फरीदकोट जिले के हरी नौ गांव में एक सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह की हत्या के मामले में खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह और अन्य आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) लगाया है। इस कदम से जेल में बंद सांसद की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

गुरप्रीत सिंह की हत्या का मामला

गौरतलब है कि यह घटना 10 अक्टूबर 2022 को हुई थी, जब तीन हमलावरों ने गुरप्रीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में आतंकवादी अर्श दल्ला को भी आरोपी बनाया गया है।

एफआईआर में नए प्रावधान जोड़े गए

23 अक्टूबर को कोटकपूरा पुलिस ने मामले की एफआईआर में संगठित अपराध की धारा (BNS की धारा 111) जोड़ी थी। वर्तमान में, खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह और उनके नौ साथियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद रखा गया है।

UAPA लगाने का कारण

पुलिस ने दावा किया है कि मामले में कुछ नए खुलासे सामने आए हैं, जिसके आधार पर UAPA लगाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को निर्धारित 90 दिनों की अवधि में अदालत में चालान (चार्जशीट) दाखिल करने में मुश्किल हो रही थी। ऐसे में, आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत से बचाने के लिए UAPA लगाने का निर्णय लिया गया।

पुलिस का बयान

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसे राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से जुड़ी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा,

“यह हत्या राष्ट्र की सुरक्षा को कमजोर करने और अशांति फैलाने की एक सुनियोजित साजिश थी। हमारे पास पुख्ता सबूत हैं जो सभी आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियों से जोड़ते हैं। यही कारण है कि UAPA के तहत कार्रवाई की गई है।”

पुलिस का मानना है कि UAPA लगाने से जांच में और भी ठोस सबूत जुटाने का मौका मिलेगा और मामला और मजबूत हो सकेगा।