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पटना में महात्मा गांधी के भजन पर विवाद: प्रियंका गांधी ने भाजपा पर साधा निशाना

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पटना के गांधी मैदान स्थित बापू सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भोजपुरी लोकगायिका देवी द्वारा महात्मा गांधी का प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम, ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम” गाने पर बवाल हो गया। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस भजन का विरोध किया और स्टेज पर चढ़कर हंगामा मचाया। विवाद इतना बढ़ गया कि गायिका को माफी मांगने के लिए मजबूर कर दिया गया।

भजन के दौरान हंगामा और विरोध
कार्यक्रम में जब देवी ने महात्मा गांधी का यह भजन गाना शुरू किया, तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताया। कई नेता स्टेज पर चढ़ आए और “जय श्रीराम” के नारे लगाने लगे। स्थिति इतनी असहज हो गई कि देवी को भजन बीच में ही रोकना पड़ा। कार्यक्रम में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने उन्हें मंच से माफी मांगने पर मजबूर कर दिया।

प्रियंका गांधी का तीखा हमला
इस घटना पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने घटना का वीडियो साझा करते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। प्रियंका ने कहा,
“भाजपा के नेताओं ने बापू का प्रिय भजन गाने पर लोकगायिका देवी जी को माफी मांगने पर मजबूर किया। रघुपति राघव राजा राम जैसे भजन से भी इन्हें समस्या है। ये दुनिया के सामने दिखाने के लिए महात्मा गांधी पर फूल चढ़ाते हैं, लेकिन उनके प्रति कोई आदर नहीं है।”

उन्होंने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि उनकी सहिष्णु और समावेशी परंपराओं से घृणा है। प्रियंका ने कहा,
“ये लोग महापुरुषों का बार-बार अपमान करते हैं। बाबासाहेब अंबेडकर और महात्मा गांधी का नाम केवल दिखावे के लिए लेते हैं, लेकिन असल में उनकी शिक्षाओं और आदर्शों को ठुकराते हैं।”

गायिका देवी की मजबूरी और बयान
विवाद के बाद गायिका देवी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने कहा,
“अगर मेरे भजन से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं क्षमा चाहती हूं।”
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद, देवी ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“मानवता सबसे बड़ा धर्म है। हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है जो सभी धर्मों को अपने में समाहित करता है।”

सोशल मीडिया पर गुस्सा और समर्थन
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर लोग भाजपा की इस हरकत की आलोचना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे पार्टी के मूल्यों का समर्थन बता रहे हैं। अधिकांश यूजर्स का कहना है कि गांधी जी के भजन पर विवाद करना और गायिका को माफी मांगने पर मजबूर करना, सहिष्णुता और विविधता के मूल्यों के खिलाफ है।

विवाद का गहराता असर
महात्मा गांधी का भजन “रघुपति राघव राजा राम” स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है। इस घटना ने न केवल भाजपा की छवि पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि देश में वैचारिक और सांस्कृतिक मतभेद कितने गहरे हैं।

क्या यह गांधी की विरासत का अपमान है?
यह घटना महात्मा गांधी की विचारधारा और उनके आदर्शों के प्रति सम्मान के मुद्दे को लेकर एक नई बहस छेड़ती है। क्या यह केवल एक राजनीतिक विवाद है, या इससे कहीं गहरी समस्या का संकेत मिलता है? यह सवाल अब सार्वजनिक चर्चा का विषय बन चुका है।