लिविंग नास्त्रेदमस के नाम से मशहूर ब्राजील के एथोस सालोम ने आने वाले साल 2025 के लिए अपनी भविष्यवाणियों की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें सात डरावनी भविष्यवाणियाँ शामिल हैं, जिनमें डिजिटल प्रलय का दिन, एआई का अतिक्रमण, नकली इंसान और अलौकिक प्राणियों का अस्तित्व शामिल है।
2025 की शुरुआत बस कुछ ही दिन दूर है. फिर लिविंग नास्त्रेदमस के नाम से मशहूर ब्राजीलियाई एथोस सैलोम ने नए साल के लिए कुछ ऐसी ही भविष्यवाणियां की हैं। अगर यह सच साबित हुआ तो वर्ष 2025 एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी मोड़ साबित हो सकता है। उनकी भविष्यवाणियाँ मानवता, प्रौद्योगिकी और समाज में गहरे बदलावों की ओर इशारा करती हैं।
34 साल के एथोस सैलोम की तुलना 16वीं सदी के महान भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस से की जाती है। जिनकी सदियों पुरानी भविष्यवाणियों की चर्चा उनकी मृत्यु के बाद भी की जाती है। गौरतलब है कि सैलोम ने कहा था कि यूक्रेन में कोविड जैसी महामारी फैलेगी, भयानक युद्ध छिड़ जाएगा और उन्होंने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ की मौत की भी भविष्यवाणी की थी. कौन सा सही है। अब लिविंग नास्त्रेदमस ने वर्ष 2025 के लिए अपनी भविष्यवाणियों की पूरी सूची जारी की है, जिसमें डिजिटल विनाश, एआई द्वारा अधिग्रहण, संशोधित कृत्रिम मानव और अलौकिक प्राणी शामिल हैं। पूर्वानुमान पर एक नजर..
आनुवंशिक रूप से संशोधित मानव : जीवित नास्त्रेदमस का मानना है कि अब समय आ गया है जब मानवता एक नई दिशा में आगे बढ़ेगी, जहां आनुवंशिक रूप से संशोधित मानव का निर्माण होगा। इस बदलाव से एशिया में जैव प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति होगी। जो मानवता के लिए नैतिक और सामाजिक प्रश्न खड़े कर सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संभालेगी कमान : सैलोम के मुताबिक साल 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपने चरम पर होगी और पूर्ण स्वायत्तता हासिल कर लेगी। एआई उन क्षेत्रों में भी निर्णय लेने में सक्षम होगा जो कभी इंसानों के नियंत्रण में थे। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या इंसान एआई को नियंत्रित कर पाएंगे।
एलियंस का अस्तित्व! : सैलोम का दावा है कि एलियंस के अस्तित्व की आधिकारिक घोषणा 2025 में की जाएगी। इससे पृथ्वी पर विदेशी जीवन के संकेत, मंगल ग्रह पर सूक्ष्म जीवों के साक्ष्य या अन्य सभ्यताओं के अस्तित्व का पता चल सकता है।
ऊर्जा संकट उभरेगा : उनका यह भी अनुमान है कि 2025 तक वैश्विक ऊर्जा संकट उभर सकता है, जिसका उपयोग प्रमुख देश अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए करेंगे। इस ऊर्जा संकट का सबसे ज़्यादा असर विकासशील देशों पर पड़ेगा.
चिप्स से नियंत्रित होंगे इंसान : सैलोम का कहना है कि भविष्य में स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार के नाम पर चिप्स को इंसानों की त्वचा में प्रत्यारोपित (फिट) किया जाएगा। सरकारें इसका उपयोग जनसंख्या को नियंत्रित करने और असहमति को दबाने के लिए कर सकती हैं। उनके मुताबिक इस तकनीक ने कोविड जैसी महामारी के बाद लोगों की मानसिकता तैयार की है.
मानव निर्मित आपदाएँ उत्पन्न होंगी : सैलोम ने चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए भूवैज्ञानिक इंजीनियरिंग का उपयोग सूखा और बेमौसम तूफान पैदा करने के लिए किया जाएगा।
गुप्त सैन्य अभियान : अंत में उन्होंने कहा कि 2025 में गुप्त सैन्य अड्डों और सैन्य प्रौद्योगिकी का खुलासा होगा, जिससे एक-दूसरे के प्रति विरोध की लहर पैदा होगी।