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संभल: 46 साल बाद खुले कार्तिक महादेव मंदिर का एएसआई ने किया सर्वेक्षण

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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 46 साल बाद खुले कार्तिक महादेव मंदिर का पुरातत्व विभाग (एएसआई) द्वारा सर्वेक्षण किया गया। शुक्रवार को एएसआई की चार सदस्यीय टीम ने इस प्राचीन मंदिर का निरीक्षण किया। सर्वे में मंदिर के साथ-साथ क्षेत्र के 5 तीर्थ स्थलों और 19 कुओं की भी जांच की गई। यह सर्वे करीब 8-10 घंटे तक चला। कुल 24 स्थानों का सर्वेक्षण किया गया है।

संभल के जिलाधिकारी (डीएम) डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने कहा है कि यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना हो सकता है। एएसआई जल्द ही अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेगा।

मंदिर की ऐतिहासिकता और खोज

संभल में खग्गुसराय इलाके में चल रहे एक सर्च अभियान के दौरान इस मंदिर का पता चला।

  • 1978 के दंगे के बाद यह मंदिर बंद हो गया था।
  • जब टीम ने मंदिर की पड़ताल की, तो इसके कपाट खोलने पर अंदर भगवान शिव और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित मिलीं।
  • मंदिर के बाहर एक प्राचीन कुआं भी मौजूद था, जिसे खुदाई के बाद साफ कराया गया।

मंदिर के कपाट खुलने के बाद, हिंदू समुदाय में खुशी का माहौल बना। भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया और हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया।

डीएम की प्रतिक्रिया और पुरातत्वीय अध्ययन

डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने इस मंदिर को ऐतिहासिक बताया और कहा:

“यह मंदिर शास्त्रों में वर्णित संभल के 52 सराय, 68 तीर्थ, और 19 कूप का हिस्सा है। पास में स्थित ‘अमृत कूप’ भी इसका हिस्सा हो सकता है। हमने पुरातत्व विभाग को कार्बन डेटिंग और इसकी विशेषताओं का पता लगाने के लिए पत्र लिखा है।”

बवाल के बीच मिला मंदिर

संभल में हाल ही में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए विवाद के बाद प्रशासन ने सर्च अभियान तेज कर दिया।

  • अवैध अतिक्रमण और बिजली चोरी की जांच की जा रही है।
  • इसी क्रम में, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर पर बिजली चोरी पकड़ी गई और अतिक्रमण भी हटाया गया।

सर्च अभियान के दौरान खग्गुसराय इलाके में यह प्राचीन मंदिर टीम को दिखाई दिया। इसके बाद डीएम के निर्देश पर मंदिर के कपाट खोले गए।

हिंदू समुदाय में खुशी

46 साल बाद मंदिर के खुलने से स्थानीय हिंदू समुदाय में उत्साह का माहौल है।

  • मंदिर में भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा-अर्चना की गई।
  • यह मंदिर कार्तिक महादेव मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और इसे क्षेत्र के धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा माना जा रहा है।

एएसआई सर्वे और आगे की प्रक्रिया

एएसआई ने इस प्राचीन मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र का गहन अध्ययन किया।

  • 5 तीर्थ और 19 कुओं की जांच की गई।
  • कुल 24 स्थानों का सर्वेक्षण किया गया।
  • रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।