प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-22 दिसंबर 2024 को कुवैत की ऐतिहासिक यात्रा पर जाएंगे। कुवैत के अमीर शेख मशाल अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबा के निमंत्रण पर हो रही इस यात्रा को 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा माना जा रहा है। यह दौरा भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने का महत्वपूर्ण कदम होगा।
यात्रा के मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का उद्देश्य भारत और कुवैत के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है। यह यात्रा ऊर्जा, व्यापार, श्रम और प्रवासी कल्याण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित होगी। विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, प्रधानमंत्री इस दौरान कुवैत के नेतृत्व के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- व्यापार और निवेश:
- दोनों देशों के बीच 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 10.47 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।
- भारतीय निर्यात में 34.7% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2023-24 में 2.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
- ऊर्जा क्षेत्र:
- कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों का 3% पूरा करता है।
- ऊर्जा संबंधी सहयोग को और सुदृढ़ करना इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य होगा।
- प्रवासी भारतीयों का कल्याण:
- कुवैत में भारतीय समुदाय, जो करीब 10 लाख की संख्या में है, देश का सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।
- प्रवासी कल्याण से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
कुवैत-भारत संबंधों का इतिहास
- 1981: तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया।
- 2009: तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कुवैत का दौरा किया।
- 2013: कुवैत के प्रधानमंत्री ने भारत की यात्रा की।
- 2023: प्रधानमंत्री मोदी और कुवैत के युवराज की मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुई।
कुवैत भारत का एक ऐतिहासिक साझेदार रहा है। 1961 तक कुवैत में भारतीय रुपया वैध मुद्रा थी, जो दोनों देशों के गहरे आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।
भारतीय समुदाय का महत्व
कुवैत में भारतीय प्रवासी न केवल आर्थिक क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक पुल के रूप में भी काम कर रहे हैं।
- भारतीयों का योगदान कुवैत के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, और निर्माण उद्योग में बहुत महत्वपूर्ण है।
- इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के साथ संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं के समाधान पर ध्यान देंगे।
कुवैत का भारत में निवेश
कुवैत का भारत में निवेश प्राधिकरण $10 बिलियन से अधिक का है। यह दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाता है। इस यात्रा के दौरान नई साझेदारियों पर भी चर्चा की संभावना है।
क्या हैं अपेक्षाएं?
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा कई अहम मुद्दों पर समझौते और साझेदारियां ला सकता है:
- व्यापारिक अवसरों का विस्तार।
- ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग।
- प्रवासी कल्याण के लिए नीतिगत सुधार।
- शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा।