पंजाब के शिक्षा विभाग ने करीब एक दशक बाद पीटीआई और आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षकों के वेतनमान में कटौती करते हुए अधिक भुगतान की वसूली के लिए आदेश जारी किया है। स्कूली शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) द्वारा राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी किए जाने के बाद शिक्षकों में भारी आक्रोश फैल गया है।
वेतन कटौती और रिकवरी आदेश
शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग के संशोधित नियमों का हवाला देते हुए 2012 में जारी संशोधन पत्रों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इसके तहत फिजिकल एजुकेशन टीचर्स (पीटीआई) और आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर्स का वेतनमान 4400 रुपये से घटाकर 3200 रुपये कर दिया गया है। इतना ही नहीं, विभाग ने पिछले 10-12 वर्षों के दौरान शिक्षकों को किए गए अतिरिक्त भुगतान की रिकवरी के भी आदेश दिए हैं।
शिक्षकों का विरोध और संघर्ष
सरकार के इस कदम से नाराज शिक्षकों ने डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के नेतृत्व में आंदोलन छेड़ दिया है। फ्रंट के अध्यक्ष विक्रम देव सिंह और अन्य शिक्षक नेताओं ने कहा कि इस फैसले से हर शिक्षक पर 10-12 लाख रुपये तक की वसूली का बोझ आ सकता है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यह फैसला लागू नहीं होने दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल
हालांकि अभी तक किसी शिक्षक से वसूली शुरू नहीं की गई है, लेकिन इतने वर्षों बाद रिकवरी का आदेश जारी होने से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि सरकार का यह फैसला अन्यायपूर्ण है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
आगे की रणनीति
शिक्षकों ने न केवल सड़कों पर उतरने की तैयारी की है, बल्कि इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का रुख करने का भी निर्णय लिया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे, जब तक सरकार अपना यह निर्णय वापस नहीं ले लेती।
सरकार के इस फैसले ने शिक्षकों के बीच असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है और शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बजाय इसे और अधिक उलझाने का संकेत दिया है।