शहीद पखवाड़े के दूसरे चरण के तहत गुरुद्वारा श्री भट्टा साहिब में शहीद जोड़ मेल के दूसरे दिन श्रद्धालुओं ने गुरुघर में मत्था टेककर शहीदों को नमन किया और सभी की भलाई के लिए प्रार्थना की। इस कार्यक्रम में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह, और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
श्रद्धालुओं को प्रेरित करने वाले कार्यक्रम
इस अवसर पर पंथ प्रसिद्ध रागी, ढाडी, और कविशरी जत्थों ने गुरुजमा का गायन कर श्रद्धालुओं को भावविभोर किया। कार्यक्रम के मंच सचिव की भूमिका एसजीपीसी सदस्य परमजीत सिंह लक्खेवाल ने निभाई।
प्रमुख वक्ताओं का संबोधन
पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा, एसजीपीसी सदस्य अजमेर सिंह खेड़ा, और जिला अध्यक्ष गुरिंदर सिंह गोगी ने सभा को संबोधित करते हुए शहीदों के बलिदान को याद किया। उन्होंने श्रद्धालुओं को सिख इतिहास और परंपराओं को संजोने का संदेश दिया।
उपस्थित गणमान्य
इस आयोजन में तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मैनेजर मलकीत सिंह और जसवीर सिंह घुंघराली, फेडरेशन के अध्यक्ष हिम्मत सिंह राजा, राष्ट्रीय नेता मोहन सिंह मोहम्मदीपुर, पूर्व नगर कौसल अध्यक्ष परमजीत सिंह मक्कड़, और दर्शन सिंह सोलखिया सहित कई प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे।
महिलाओं और परिवारों को एसजीपीसी अध्यक्ष का संदेश
एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सोशल मीडिया का प्रभाव सिख समुदाय के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है, क्योंकि श्रद्धालु अब दीवान हॉल में बैठकर सिख इतिहास और विचारों पर चर्चा नहीं करते। उन्होंने महिलाओं से गर्भावस्था के दौरान वाहेगुरु का जाप करने की अपील की, ताकि उनके गर्भ में पल रहा शिशु गुरु के शब्दों की शक्ति और आशीर्वाद के साथ जन्म ले।
बच्चों को सिख इतिहास से जोड़ने की अपील
एडवोकेट धामी ने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को गुरुघरों में लेकर आएं ताकि बच्चे सिख समुदाय के गौरवशाली इतिहास और बलिदान को समझ सकें। उन्होंने कहा कि हमारे गुरुओं ने अपने अद्वितीय बलिदानों के माध्यम से अत्याचार का डटकर सामना किया है, और यह गौरवशाली इतिहास नई पीढ़ी को भी जानना चाहिए।
इस आयोजन ने श्रद्धालुओं को सिख इतिहास और मूल्यों से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया।