बीजेपी के 20 से अधिक सांसद रहे अनुपस्थित
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया था, जिसमें उन्हें लोकसभा में सरकार के महत्वाकांक्षी “वन नेशन, वन इलेक्शन” विधेयक के पेश होने के दौरान अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद, 20 से अधिक भाजपा सांसद आज सदन से अनुपस्थित रहे।
नोटिस भेजने की तैयारी में भाजपा
सूत्रों के अनुसार, भाजपा अब उन सांसदों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है, जो इतने महत्वपूर्ण मौके पर सदन में मौजूद नहीं थे। “वन नेशन, वन इलेक्शन” विधेयक सरकार के सबसे अहम बिलों में से एक माना जा रहा है, और इस मुद्दे पर भाजपा का यह सख्त रवैया पार्टी की गंभीरता को दर्शाता है।
बिल के पारित होने में नहीं आई रुकावट
सांसदों की अनुपस्थिति के बावजूद, यह बिल लोकसभा में पेश कर दिया गया और इसके पारित होने में किसी प्रकार की बाधा नहीं आई। हालांकि, इस स्थिति ने विपक्षी कांग्रेस को सरकार पर हमला बोलने का मौका दे दिया।
कांग्रेस का निशाना: ‘समर्थन में कमी’ का दावा
कांग्रेस ने सांसदों की अनुपस्थिति को मुद्दा बनाते हुए कहा कि यह सरकार की कमजोर स्थिति का प्रमाण है। विपक्ष का दावा है कि सरकार को “वन नेशन, वन इलेक्शन” जैसे बड़े मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के सांसदों का पूरा समर्थन नहीं मिल सका।
भाजपा की सख्ती: व्हिप का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं
भाजपा के तीन लाइन के व्हिप का उल्लंघन पार्टी के अनुशासनात्मक नियमों का उल्लंघन माना जाता है। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि सांसदों की गैर-मौजूदगी ऐसे अहम बिल के समय न केवल पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि विपक्ष को अप्रत्याशित राजनीतिक बढ़त भी दे सकती है।
वन नेशन, वन इलेक्शन: क्या है इसका महत्व?
“वन नेशन, वन इलेक्शन” का मतलब पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। सरकार का मानना है कि यह न केवल संसाधनों और खर्चों की बचत करेगा, बल्कि देश में राजनीतिक स्थिरता भी लाएगा।