Friday , December 27 2024

ठंड के मौसम में बढ़ सकती हैं न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, जानिए कैसे रखें ख्याल?

618198 Hdff

सर्दी का मौसम जहां अपने साथ ठंडी हवाओं और कम तापमान का एहसास लेकर आता है, वहीं न्यूरोलॉजिकल रोगों से पीड़ित रोगियों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय साबित हो सकता है। सर्दी का तंत्रिका तंत्र पर गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस), पार्किंसंस, माइग्रेन और न्यूरोपैथी जैसी स्थितियों के लक्षण खराब हो सकते हैं। इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि ठंड के इन प्रभावों से कैसे निपटा जाए।

फोर्टिस अस्पताल (फरीदाबाद) में न्यूरोलॉजी के निदेशक डॉ. विनीत बंगा बताते हैं कि ठंड का मौसम मल्टीपल स्केलेरोसिस के रोगियों के लिए मांसपेशियों की जकड़न और अकड़न को बढ़ा सकता है, जिससे चलना और दैनिक कार्य करना मुश्किल हो जाता है। ठंड रक्त परिसंचरण को भी धीमा कर देती है, जिससे सुन्नता और झुनझुनी जैसे लक्षण बदतर हो सकते हैं।

पार्किंसंस रोग और सर्दी
पार्किंसंस रोग के रोगियों में, ठंड मोटर लक्षणों जैसे कंपकंपी, कठोरता और गति की धीमी गति (ब्रैडीकिनेसिया) को बढ़ा देती है। ठंड का मौसम शरीर की तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है, जिससे परेशानी बढ़ जाती है।

माइग्रेन पीड़ितों के लिए बढ़ सकता है खतरा
सर्दियों के मौसम में माइग्रेन पीड़ितों को सिरदर्द का अनुभव बढ़ सकता है। तापमान में अचानक बदलाव, ठंडी हवा और हीटर के उपयोग से मस्तिष्क में संवहनी परिवर्तन होते हैं, जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।

परिधीय न्यूरोपैथी और सर्दी:
हाथों और पैरों की नसों को प्रभावित करने वाली यह समस्या ठंड से बढ़ जाती है। ठंडा तापमान रक्त प्रवाह को धीमा कर देता है, जिससे दर्द, सुन्नता और संवेदनशीलता बढ़ जाती है।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
ठंड का मौसम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। सूर्य के प्रकाश की कमी से मौसमी भावात्मक विकार (एसएडी), जो एक प्रकार का अवसाद है, की समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

निवारक उपाय:
मरीजों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने, कमरे को गर्म रखने और नियमित व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपनी दवाओं और आहार में बदलाव करें।