हमारा जीवन भोजन के बिना लंबे समय तक नहीं चल सकता है, लेकिन हर कोई सिर्फ जिंदा रहने के लिए खाना नहीं खाता है, बल्कि उसे खाने में अच्छे स्वाद की जरूरत होती है, जिसकी जिम्मेदारी हमारी जीभ पर होती है। लेकिन ऐसा करना खतरनाक है क्योंकि सुस्त जीभ कई गंभीर बीमारियों का खतरा है। दरअसल, बीमार होने पर हमारी जीभ का स्वाद और रंग भी बदल जाता है, यही वजह है कि डॉक्टर अक्सर इलाज के दौरान हमारी जीभ को देखते हैं।
जब जीभ का स्वाद बदल जाता है
1. फ्लू:
जब किसी को फ्लू की बीमारी होती है, तो ऐसे समय में जीभ का स्वाद महसूस न होना एक आम शारीरिक समस्या है, लेकिन कुछ मामलों में यह बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं।
2. मधुमेह:
मधुमेह के रोगियों को अक्सर अपनी जीभ के स्वाद में बदलाव का सामना करना पड़ता है। यह उनके रक्त शर्करा की स्थिति का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
3. दंत समस्याएं:
दांतों की समस्याएँ भी जीभ के स्वाद को प्रभावित कर सकती हैं। मसूड़ों की सूजन, दांतों में छेद या मुंह को साफ न रखने के कारण ऐसी समस्याएँ बहुत आम हैं।
4. न्यूरोलॉजिकल समस्याएं अनेक
पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर या मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी तंत्रिका संबंधी बीमारियां जीभ के स्वाद में परिवर्तन पैदा कर सकती हैं।
5. खांसी और जुकाम
खांसी-जुकाम होने पर जीभ के स्वाद में कमी आ सकती है, क्योंकि ऐसा नाक के बंद होने के कारण होता है, दरअसल नाक ही हमारा टेस्ट तय करने के लिए भी जिम्मेदार होती है।
6. कोविड-19
कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई, इस दौरान कई लोगों को जीभ का स्वाद न आना महसूस हुआ। यह कोविड-19 के अहम लक्षणों में से एक है।