आजकल बालों को काला करने के लिए कई तरह के केमिकल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कई अध्ययनों में चेतावनी दी गई है कि बालों को रंगने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
आजकल लोग कम उम्र से ही अपने बालों को कलर करना शुरू कर देते हैं, इसलिए यह बहुत चिंता का विषय है। अब सवाल यह उठता है कि क्या आधुनिक हेयर कलर वास्तव में कैंसर का कारण बनते हैं?
क्लीवलैंड क्लिनिक के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. चिराग शाह और टिफ़नी ओंगर का कहना है कि बालों को रंगने के लिए 5,000 से अधिक रसायनों का उपयोग किया जाता है। ये रसायन शरीर में हार्मोन के स्तर में बदलाव का कारण बन सकते हैं, जिससे कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
कई अध्ययनों में यह दावा किया गया है कि हेयर डाई से मूत्राशय कैंसर, त्वचा कैंसर, स्तन कैंसर, रक्त कैंसर, गर्भाशय कैंसर आदि का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. टिफ़नी ओन्गर का कहना है कि बालों को रंगने पर किए गए अधिकांश शोधों से निर्णायक परिणाम नहीं मिले हैं। वहीं, इन सभी बातों को देखते हुए इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि हेयर डाई का निजी इस्तेमाल इंसानों में कैंसर फैलने के लिए अभी तक जिम्मेदार नहीं है।
डॉ. चिराग शाह ने कहा कि बेशक बालों में मौजूद कुछ रसायन कैंसर का कारण बन सकते हैं लेकिन आज के युग में एक भी दिन ऐसा नहीं है जब हम कैंसर के लिए जिम्मेदार तत्वों के संपर्क में न आते हों। हर दिन हम हजारों ऐसे पदार्थों के संपर्क में आते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। बालों का रंग उनमें से एक है.
यदि आप वास्तव में कैंसर पैदा करने वाले तत्वों के बारे में चिंतित हैं तो आपको इन सभी सामग्रियों से दूर रहना होगा। जिस घर में हम रहते हैं या जिस ऑफिस में हम काम करते हैं उसमें कई ऐसी चीजें होती हैं जो कैंसर का कारण बन सकती हैं।