अगर आपके घर में भी बेटी है और आप उसके भविष्य को लेकर चिंतित हैं तो अब आप चिंता मुक्त हो सकते हैं क्योंकि सरकार आपकी बेटी के सुरक्षित भविष्य के लिए एक ऐसी योजना लेकर आई है जिसके तहत आपको भविष्य को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है । करना पड़ेगा
दरअसल, सुकन्या समृद्धि योजना लड़कियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक बचत योजना है। इस योजना का उद्देश्य लड़कियों को उनकी शिक्षा और शादी के खर्चों को पूरा करने में मदद करना है। इस लेख में हम इस योजना की मुख्य विशेषताएं और विवरण बताएंगे:
देश का कोई भी नागरिक अपनी 10 साल या उससे कम उम्र की बेटी के लिए इस योजना में निवेश कर सकता है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत कोई भी व्यक्ति प्रति वर्ष न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकता है।
खाता खोलने की पात्रता:
इस योजना के तहत खाता केवल बालिका के नाम पर ही खोला जा सकता है। खाता खोलते समय बालिका की आयु 10 वर्ष से कम होनी चाहिए। यह खाता केवल एक परिवार की दो लड़कियों के नाम पर ही खोला जा सकता है। केवल जुड़वाँ या तीन बच्चों के मामले में तीसरे खाते की अनुमति है।
खाता खोलने की प्रक्रिया: खाता किसी भी अधिकृत बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है। खाता खोलने के लिए बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता या अभिभावक का पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र आवश्यक है।
जमा: खाता खोलने के लिए न्यूनतम 250 रुपये जमा करना आवश्यक है। एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किये जा सकते हैं.
ब्याज दर: सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर इस योजना पर लागू होती है। ब्याज दर हर तिमाही में संशोधित की जाती है। वर्तमान में ब्याज दर लगभग 7.6% है (यह दर समय-समय पर बदल सकती है)।
परिपक्वता अवधि: खाता तब परिपक्व होता है जब लड़की 21 वर्ष की हो जाती है। हालाँकि, लड़की की आयु 18 वर्ष पूरी होने या 10वीं कक्षा के बाद शिक्षा के लिए कुछ राशि निकाली जा सकती है।
कर लाभ: इस योजना में जमा की गई राशि और अर्जित ब्याज धारा 80सी के तहत आयकर छूट के लिए पात्र हैं। परिपक्वता राशि और ब्याज भी कर मुक्त हैं।