1925 में कुछ गहरे सोचने वाले विद्वानों ने यह अनुमान लगाया था कि 2025 की दुनिया कैसी होगी। कुछ ने चमचमाते शहरों और नई तकनीकों का सपना देखा, जबकि अन्य ने एक बेहतर और अधिक उन्नत समाज की कल्पना की। आइए, जानते हैं उन भविष्यवाणियों के बारे में जो कुछ अजीब थीं और कुछ आज की हकीकत में सच साबित हुईं।
अमेरिकी मनोवैज्ञानिक अल्बर्ट ई. विग्गम ने एक विचित्र भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा कि “साधारण और बदसूरत लोग” सुंदर और बुद्धिमान लोगों से अधिक बच्चे पैदा कर रहे हैं, जिससे इंसान बदसूरत हो जाएगा। उनका मानना था कि “अमेरिकन सुंदरता खत्म हो जाएगी और 100 साल बाद एक भी खूबसूरत लड़की ढूंढना मुश्किल होगा।”
1902 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस ने भविष्यवाणी की थी कि 100 साल बाद इंसान 150 साल तक जी सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वैज्ञानिक खोजों से अमरता भी संभव हो सकती है।
प्रसिद्ध विज्ञान कथा लेखक एच.जी. वेल्स ने कहा था कि 2025 तक दुनिया बड़े समूहों में बंट जाएगी। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि “100 साल बाद कई छोटे राष्ट्र नहीं होंगे, बल्कि तीन बड़े समूह होंगे – यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ यूरोप, और चीन।”
कई भविष्यवक्ताओं ने यह भी कल्पना की थी कि 2025 तक पूरी दुनिया पर एक ही सरकार का राज होगा और सभी लोग एक ही भाषा बोलेंगे। व्यापार और यात्रा पूरी तरह से मुक्त होंगी और बीमारियों से मौत का कोई खतरा नहीं रहेगा।
ब्रिटिश वैज्ञानिक आर्किबाल्ड एम. लो ने भविष्यवाणी की थी कि टेलीविजन, नाश्ते के ट्यूब, ऑटोमैटिक स्लीप बेड, वायरलेस बैंकिंग, चलते-फिरते फुटपाथ, और कृत्रिम कपड़ों से बने एक-टुकड़ा सूट आम हो जाएंगे।
डॉ. ए.आर. वेंट्ज़ ने नींद के एक विकल्प की कल्पना की थी, जो एसिड सोडियम फॉस्फेट से बना होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि एक ऐसा उपकरण विकसित होगा जो जेब में समा सके, और जिसके जरिए लोग बिना एक कमरे में हुए एक-दूसरे को देख और सुन सकेंगे।
प्रोफेसर लोवेल जे. रीड ने चेतावनी दी थी कि 2025 तक अमेरिका में खाद्य संकट पैदा हो सकता है, जिसका समाधान कृत्रिम भोजन या उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से खाद्य आपूर्ति होगी।
वहीं, अमेरिका के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की अध्यक्ष सोफी इरीन लोएब ने कहा था कि 2025 तक गरीबी समाप्त हो जाएगी। उनके अनुसार, “कोई भी बच्चा गरीब नहीं रहेगा और हर सक्षम बच्चा अपने घर में खुशहाल रहेगा। बच्चों को चैरिटी नहीं, बल्कि अवसर चाहिए।”
इन भविष्यवाणियों का कुछ हिस्सा आज की दुनिया में नजर आता है, जबकि कुछ केवल कल्पनाओं तक ही सीमित रह गई हैं। फिर भी, 1925 के विचारकों द्वारा भविष्य की जो परिकल्पनाएँ की गईं, वे आज भी प्रेरणादायक बनी हुई हैं।