कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी की विरासत को वर्तमान सरकार और उसके समर्थकों से गंभीर खतरा है। उन्होंने पार्टी को इन ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का आह्वान किया। सोनिया गांधी कार्य समिति की बैठक में शामिल नहीं हो सकीं, लेकिन उन्होंने एक पत्र के माध्यम से अपने विचार साझा किए।
महात्मा गांधी नगर में ऐतिहासिक बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में यह विस्तारित कार्य समिति बैठक उसी ऐतिहासिक स्थल पर आयोजित की गई, जहां 1924 में महात्मा गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे। इस बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ नाम दिया गया, जो महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई थी।
सोनिया गांधी का पत्र: गांधी की विरासत को संरक्षित करने का आह्वान
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में लिखा, “100 साल पहले, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39वां अधिवेशन इसी स्थान पर हुआ था। महात्मा गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना न केवल पार्टी के लिए, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में भी एक निर्णायक क्षण था। आज हमें उनकी विरासत को संरक्षित करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए खुद को पुनः समर्पित करना होगा।”
उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में हमारे नेताओं को तैयार किया और उनका मार्गदर्शन किया। वह हमारी प्रेरणा का स्रोत हैं और हमेशा रहेंगे।”
महात्मा गांधी की विरासत को खतरा
सोनिया गांधी ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली की सत्ता में बैठे लोग और उनके समर्थक विचार संगठन महात्मा गांधी की विरासत को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन संगठनों ने कभी भी स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया। वे महात्मा गांधी का विरोध करते रहे और उनके हत्यारे का महिमामंडन करते हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश भर में गांधीवादी संस्थानों पर हमले हो रहे हैं, और एक विषाक्त माहौल बनाया जा रहा है।
‘नव सत्याग्रह बैठक’ की प्रासंगिकता
सोनिया गांधी ने इस बैठक को ‘नव सत्याग्रह बैठक’ कहे जाने को सही ठहराते हुए कहा, “आज यह हमारा पवित्र कर्तव्य है कि हम महात्मा गांधी की विरासत की रक्षा के लिए एकजुट हों और इन ताकतों का मुकाबला करने के अपने संकल्प को दोहराएं।”
कांग्रेस संगठन को मजबूत करने पर जोर
सोनिया गांधी ने पार्टी के सामने मौजूद चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस संगठन को इन चुनौतियों से लड़ने के लिए मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “इस बैठक के माध्यम से हम अपने व्यक्तिगत और सामूहिक संकल्प को ताजा ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएं। हमें पार्टी और देश के सामने मौजूद कई समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।”