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सेबी ने मोतीलाल ओसवाल पर नियम उल्लंघन के लिए लगाया 7 लाख रुपये का जुर्माना

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर शेयर ब्रोकर और डिपॉजिटरी भागीदार नियमों के उल्लंघन के लिए 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी के आदेश के अनुसार, कंपनी को 45 दिनों के भीतर जुर्माना चुकाने का निर्देश दिया गया है।

जांच के बाद की गई कार्रवाई

सेबी ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का अप्रैल 2021 से जून 2022 तक निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि कंपनी ने 30 दिन की अवधि में 26 शिकायतों का समाधान नहीं किया। इसके अलावा, जून 2022 में 39 ग्राहकों ने कारोबार किया, जिन्हें ब्रोकर ने निष्क्रिय माना और उनके फंड को अलग रख दिया।

फ्रंट रनिंग के मामलों में सख्त कदम

हाल ही में, सेबी ने आठ इकाइयों को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया और इन इकाइयों द्वारा कथित तौर पर फ्रंट-रनिंग गतिविधियों से अर्जित 4.82 करोड़ रुपये की राशि को जब्त किया। फ्रंट-रनिंग एक गैरकानूनी प्रक्रिया है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी ब्रोकर या विश्लेषक से मिली गैर-सार्वजनिक जानकारी के आधार पर लेनदेन करता है।

जांच की अवधि और निष्कर्ष

सेबी ने गगनदीप कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के सौदों के कथित फ्रंट-रनिंग से संबंधित होने की जांच की, जो सितंबर 2018 से सितंबर 2023 तक की गई। सेबी ने कहा कि आशीष कीर्ति कोठारी और उनके परिवार के सदस्यों पर बड़े ग्राहक के फ्रंट-रनिंग सौदों में लिप्त होने का आरोप है। इस प्रकार के सौदों के कारण इन इकाइयों ने सेबी अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया है, इसलिए इन्हें अगले आदेश तक प्रतिभूतियों की खरीद, बिक्री या लेनदेन से रोका गया है।

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