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सीमा पर नेपाल प्रशासन हुआ सख्त, इज्तिमा पर रोक के बाद दस हजार से अधिक लोगों को बॉर्डर से लौटाया

अररिया, 21नवंबर(हि.स.)। भारत नेपाल जोगबनी मुख्य सीमा से नेपाल प्रवेश करने वाले दस हजार से अधिक लोगों को नेपाल प्रशासन ने वापस लौटाया।बॉर्डर खुलने के साथ ही नेपाल साइड से सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई।हरेक आने जाने वालों का पहचान पत्र देखा गया।समानों की सघन तलाशी ली गई।स्क्वायड डॉग के साथ प्रवेश की जा रही गाड़ियों की तलाशी ली गई।खासकर नेपाल में प्रवेश करने वाले मुस्लिम समुदाय को वापस भारत भेजा गया।जबकि न केवल बिहार के विभिन्न जिलों बल्कि देश के विभिन्न प्रांतों के मुस्लिम समुदाय के लोग सीमा पर पहुंचे थे।

दरअसल जोगबनी सीमा से सटे नेपाल के कोशी प्रदेश स्थित सुनसरी जिला के दुहबी और इटहरी में आज से तीन दिवसीय इज्तिमा का आयोजन था।जिसे नेपाल सरकार ने ऐन वक्त पर आयोजन से रोक लगा दिया।80 एकड़ जमीन में बने पंडाल को हटवा दिया गया।पंडाल में 50 हजार लोगों की बैठने को व्यवस्था की गई थी।भारत और नेपाल सहित दुनिया के इस्लामिक मुल्कों से उलेमा और विद्वानों को शिरकत करने के लिए दावत भेजा गया था।अरब सहित कई खाड़ी देशों के विद्वान और उलेमा इसमें शामिल होने के लिए नेपाल पहुंच भी गए।जहां से उन्हें वापस भेजा गया।

इज्तिमा को रद्द करने के बाद जोगबनी सीमा पर अफरातफरी का माहौल रहा।सुरक्षा के दृष्टिकोण से इज्तिमा में लगी रोक के बाद सीमा पर नेपाल पुलिस नेपाल शस्त्र पुलिस बल, नेपाल पुलिस की विशेष पुलिस बल को डॉग स्क्वायड के साथ जांच मे लगाया गया। वही भारत से नेपाल इज्तिमा में जाने वाले दस हजार से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोगो को सीमा से नेपाल पुलिस के द्वारा वापस कर दिया गया।

सीमा पर नेपाल सीमा सुरक्षा बल के रानी के डीएसपी हेम पौडेल, रानी थाना के इंस्पेक्टर संदीप बेल्वासे खुद सीमा पर इज्तिमा मे जाने वाले को समझा कर वापस भेजने में लगे रहे। वही पुलिस दस्ते के द्वारा डॉग स्क्वायड के साथ सभी वाहनो के जांच में लगे रहे।

उल्लेखनीय है कि सुनसरी के खनार व दुहबी मे इज्तिमा का आयोजन 21 से 23 नवंबर तक होना था। वही इटहरी में मुल्की इज्तमा 23 से 25 नवंबर तक होना था।इसके लिए 80 एकड़ जमीन पर टेंट लगाया गया था।जिसमें करीब 50 हजार लोगों के रहने और बैठने की व्यवस्था की गई थी। दुनिया भर के कई देशों से मुसलमानों को इस इज्तिमा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।लेकिन नेपाल सरकार ने धार्मिक रूप से संवेदनशील रहे सुनसरी जिले में मुसलमानों के इतने बडे़ आयोजन से ना सिर्फ नेपाल में धार्मिक भावनाएं भड़कने की संभावना जताई गई।बल्कि भारतीय सीमा से जुड़े होने के कारण सुरक्षा के मद्देनजर इस पर रोक लगाई गई।

सुनसरी की प्रमुख जिलाधिकारी हुमकला पाण्डे ने मुस्लिम समुदाय के इस धार्मिक आयोजन को लेकर गृह मंत्रालय को पत्र लिख कर इन सभी चुनौतियों का जिक्र करते हुए इस पर राय मांगी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने किसी भी कीमत पर इस कार्यक्रम को रोकने का निर्देश जारी कर दिया।

जिलाधिकारी पाण्डे ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद आयोजकों को कार्यक्रम रोकने के लिए लिखित निर्देश जारी किया गया।सुनसरी की प्रमुख जिलाधिकारी ने जिले के सुरक्षा अधिकारियों के साथ आयोजन स्थल का दौरा भी किया। इस दौरान उन्होंने इज्तिमा के लिए लगाए गए टेंट को तत्काल वहां से हटवाया।साथ ही बाहर से पहुंचे लोगों को 24 घंटे के भीतर जिला छोड़ने का निर्देश भी जारी किया गया।जिला प्रशासन को यह सूचना मिली थी कि इज्तिमा के नाम पर कुछ ऐसे कट्टर मुस्लिम धर्मगुरू और मौलाना आने वाले हैं, जिनको भारत सहित कई देशों ने अपने यहां आने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।