हम सभी सपने देखते हैं. हम अपने हिसाब से उन सपनों में रंग भरते रहते हैं. स्वप्न और कल्पना दो अलग चीजें हैं। सपनों की दुनिया को हकीकत की ज़मीन पर उतारा जा सकता है. जबकि काल्पनिक दुनिया से बाहर निकलने का साहस कम ही लोग कर पाते हैं।
सपनों की खूबसूरती हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। यह प्रेरणा हमें कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। बिना मेहनत किये सपनों की दुनिया में खोये रहना बेईमानी है. हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। तब कहीं जाकर ही सपनों के साम्राज्य पर विजय पाई जा सकती है। बिना सपनों वाला व्यक्ति जीवन में आगे नहीं बढ़ सकता।
लक्ष्य निर्धारित करने के लिए व्यक्ति को दूरदर्शी होना होगा। बड़े सपने बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। जब सपने हकीकत में बदल जाते हैं तो आनंद के असीमित स्रोत प्रवाहित होने लगते हैं। हमारा पुरुषार्थ पूरा होने लगता है.
हमारे श्रम के कण मोतियों की तरह चमकने लगते हैं। सपने देखने का फायदा तभी है जब हम उन्हें पूरा करने के लिए जी-जान लगा दें और पूरी लगन दिखाएं। विद्यार्थियों का सपना होता है कि वे अपनी कक्षा में प्रथम आएं, किसानों का सपना होता है कि उनकी अच्छी फसल हो? जीवन के हर पड़ाव पर हर व्यक्ति का कोई न कोई सपना होता है।
अगर वह इन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए जी-जान से जुट जाए तो सफलता के शिखर पर पहुंच जाता है। किसी दुर्घटना या जन्म से विकलांग व्यक्ति भी जीवन में सफलता के सपने देखने लगता है। वह अपने लिए कार्य क्षेत्र चुनता है।
फिर वह हर चुनौती से लड़कर सफलता के शिखर पर पहुंचता है। उनकी दृढ़ता उन्हें अपने कार्य क्षेत्र में निपुण बनाती है। यदि उन्होंने सफलता के सपने न देखे होते और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत के रथ पर न चढ़े होते तो शायद ही उन्हें सफलता मिलती।