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शिमला में ईडी कार्यालय पर सीबीआई का छापा: डिप्टी डायरेक्टर रिश्वत मामले में फरार

The Cbi Also Summoned The Offici (1)

भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई चंडीगढ़ की टीम ने शिमला स्थित ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के स्ट्रॉबेरी हिल्स कार्यालय पर छापा मारा। यह कार्रवाई तब की गई, जब ईडी का डिप्टी डायरेक्टर, जो इस मामले में मुख्य आरोपी है, बिचौलिए के साथ फरार हो गया। सीबीआई ने कार्यालय में घंटों तलाशी के बाद कई महत्वपूर्ण फाइलें और दस्तावेज जब्त किए हैं। जानकारी के अनुसार, आरोपी अपने साथ कथित अवैध वसूली की रकम भी ले गया है।

डिप्टी डायरेक्टर और बिचौलिए की फरारी

सूत्रों के अनुसार, डिप्टी डायरेक्टर पर आरोप है कि उन्होंने एक मामले को निपटाने के बदले बिचौलिए के जरिए लाखों रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस मामले में शिकायतकर्ता ने चंडीगढ़ सीबीआई को लिखित शिकायत दी थी। शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया।

सीबीआई ने बिचौलिए और शिकायतकर्ता के बीच पैसों के लेनदेन की रिकॉर्डिंग भी करवाई, जिसकी जानकारी डिप्टी डायरेक्टर को लग गई। भनक मिलते ही वह बिचौलिए के साथ फरार हो गया। सोमवार को सीबीआई ने डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

ईडी कार्यालय और आवास पर सीबीआई का छापा

सीबीआई की टीमें आरोपी की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं। शिमला स्थित ईडी कार्यालय के साथ-साथ डिप्टी डायरेक्टर के आवास पर भी रेड की गई। मंगलवार सुबह शुरू हुई यह कार्रवाई बुधवार देर शाम तक चली, जिसमें सीबीआई ने ईडी कार्यालय के भीतर से कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए।

भ्रष्टाचार का आरोप और जांच का दायरा

डिप्टी डायरेक्टर पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित एक मामले की जांच चल रही थी। आरोप है कि उन्होंने इसे सुलझाने के बदले रिश्वत की मांग की। चंडीगढ़ सीबीआई द्वारा शिकायत मिलने के बाद मामले की गहनता से जांच की गई और संबंधित साक्ष्य जुटाए गए।

सीबीआई ने पाया कि आरोपी ने अवैध लेनदेन से जुड़े कई दस्तावेज तैयार किए थे। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से भी कई प्रमाण हासिल किए गए हैं। मामले को लेकर सीबीआई की एक टीम आरोपी की गिरफ्तारी के लिए शिमला के बाहर भी भेजी गई है।

सीबीआई और ईडी के बीच समन्वय

सीबीआई की इस कार्रवाई में शिमला स्थित केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारियों का सहयोग लिया गया। चूंकि ईडी मुख्य रूप से धन शोधन से जुड़े मामलों की जांच करती है और सीबीआई भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों पर काम करती है, इसलिए दोनों एजेंसियों के बीच यह छापा चर्चा का विषय बना।

कार्रवाई का माहौल

सीबीआई ने छापेमारी के दौरान ईडी कार्यालय को पूरी तरह से सील कर दिया। अंदर मौजूद किसी भी कर्मी को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई, और बाहर से किसी को अंदर आने नहीं दिया गया। इस छापेमारी की वजह से ईडी कार्यालय के अन्य कर्मचारियों को क्रिसमस की छुट्टी के दौरान भी काम पर बुलाया गया।

36 घंटे चली छापेमारी

सीबीआई ने 36 घंटे तक कार्यालय में दस्तावेजों को खंगाला और कई सबूत एकत्र किए। हालांकि, सीबीआई ने मामले पर विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। एक अधिकारी ने केवल इतना बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।

भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई का संकेत

सीबीआई द्वारा की गई यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उसकी सख्त नीति को दर्शाती है। डिप्टी डायरेक्टर का फरार होना और रिश्वत के आरोपों के सबूत मिलना इस मामले को और गंभीर बनाता है। अब, जांच एजेंसियां आरोपी की गिरफ्तारी और मामले की तह तक पहुंचने में जुटी हैं।