Sunday , May 5 2024

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण खोजा है जो कुछ ही मिनटों में कैंसर का पता लगा सकता है और इलाज में तेजी ला सकता

मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से चिकित्सकों ने कैंसर का आसानी से निदान करने में बड़ी सफलता हासिल की है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खास डिवाइस तैयार की है जो मिनटों में कैंसर को पकड़ लेगी। इस मशीन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें तरल खून की बजाय सूखे खून के धब्बे की मदद से नतीजे प्राप्त किए जा सकते हैं। 

इस डिवाइस की खासियत यह है कि यह गैस्ट्रिक और कोलन कैंसर के मरीजों और बिना कैंसर वाले मरीजों के बीच अंतर कर सकता है। शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि रक्त में कुछ रसायनों का परीक्षण करके 82 से 100 प्रतिशत कैंसर के मामलों का पता लगाया जा सकता है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, नया उपकरण रक्त के नमूनों में मेटाबोलाइट्स के उपोत्पादों का विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करता है। मेटाबोलाइट्स रक्त के तरल भाग जिसे सीरम कहा जाता है, में पाए जाते हैं।

आलेख सामग्री छवि

ये मेटाबोलाइट्स बायोमार्कर के रूप में कार्य करते हैं जो संभावित रूप से शरीर में कैंसर की उपस्थिति की पहचान कर सकते हैं। इस परीक्षण को विकसित करने वाले चीनी वैज्ञानिकों ने कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले हैं कि दुनिया में कुछ सबसे घातक कैंसरों के लिए कोई रक्त परीक्षण नहीं है जो बीमारी की सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। डॉक्टर आमतौर पर कैंसर के लिए इमेजिंग या सर्जरी तकनीकों का उपयोग करते हैं। जबकि इस नए प्रकार के परीक्षण के लिए 0.05 मिलीलीटर से भी कम रक्त की आवश्यकता होगी।

अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चुआन कुआंग का मानना ​​है कि सूखे रक्त को तरल रक्त की तुलना में एकत्र करना, संरक्षित करना और परिवहन करना आसान है। बहुत कम लागत वाले उपकरणों से जांच की जा सकती है। यदि कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रमों में उपयोग किया जाए तो यह परीक्षण अधिक सटीक साबित हो सकता है। जैसे-जैसे भविष्य में कैंसर की घटनाएं बढ़ती रहेंगी, कैंसर का पता लगाने की तीव्र विधि बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी।