ऑस्ट्रेलिया में विराट कोहली का रिकॉर्ड हमेशा से शानदार रहा है। जब विराट बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए पर्थ पहुंचे, तो ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने उनकी जमकर तारीफ की और कहा, “किंग की वापसी ऑस्ट्रेलिया में हुई है।” पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में विराट ने शानदार शतक जड़ा, लेकिन इसके बाद पूरी सीरीज में उनके प्रदर्शन ने सभी को निराश किया। कोहली बार-बार ऑफ स्टंप की गेंदों पर स्लिप और विकेट के पीछे कैच आउट होकर पवेलियन लौटते रहे।
रिकी पोंटिंग का विश्लेषण
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और बीजीटी में कमेंट्री कर रहे रिकी पोंटिंग ने विराट कोहली के इस संघर्ष पर खुलकर बात की। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा:
“आप विराट कोहली के चेहरे पर निराशा साफ देख सकते थे, खासकर जब वह एससीजी टेस्ट में आउट हुए। वह खुद से नाराज थे, क्योंकि वह बार-बार एक ही तरह से आउट हो रहे थे—चौथे-पांचवें स्टंप की गेंद पर बल्ला चलाकर कैच देना।”
पोंटिंग ने यह भी जोड़ा:
“हां, यह उनके लिए निराशाजनक सीरीज थी, लेकिन मुझे यकीन है कि विराट के पास अभी भी टेस्ट क्रिकेट में बहुत कुछ देने के लिए बाकी है। मुझे उम्मीद है कि वह रेड बॉल क्रिकेट में वापसी करेंगे और फिर से रन बनाएंगे।”
सीरीज में विराट कोहली का प्रदर्शन
- पर्थ टेस्ट: पहली पारी में असफल रहने के बाद, दूसरी पारी में शानदार शतक।
- बाकी सीरीज: कोहली का बल्ला खामोश रहा।
- कुल स्कोर: पर्थ के शतक को छोड़ दें तो पूरी सीरीज में उन्होंने 100 रन भी नहीं बनाए।
- आउट होने का तरीका: 8 बार आउट हुए और हर बार ऑफ स्टंप की गेंद पर स्लिप या विकेट के पीछे कैच थमाया।
स्कॉट बोलैंड ने विराट कोहली को किया परेशान
इस सीरीज में स्कॉट बोलैंड, जो ऑस्ट्रेलिया के बैकअप गेंदबाज माने जाते हैं, ने विराट को कई बार आउट किया। यह दिखाता है कि विराट की तकनीकी कमजोरी अब विरोधी गेंदबाजों के लिए प्रिडिक्टेबल हो चुकी है। पोंटिंग ने इस पर कहा:
“विराट कोहली इतने ज्यादा प्रिडिक्टेबल हो गए थे कि साधारण गेंदबाज भी लगातार ऑफ स्टंप के चैनल में गेंद डालकर उन्हें आउट कर सकता था।”
विराट कोहली के लिए आगे का रास्ता
पोंटिंग का मानना है कि विराट कोहली के पास अभी भी टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने और अपने खोए हुए फॉर्म को पाने का समय है। हालांकि, यह साफ है कि कोहली को अपनी तकनीक और मानसिकता पर काम करना होगा, ताकि वह ऑफ स्टंप की कमजोरी को दूर कर सकें।