संसद के शीतकालीन सत्र में रेलवे की संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की है। समिति ने रेलवे के राजस्व घाटे को कम करने के लिए वातानुकूलित (एसी) श्रेणी के किराए की समीक्षा करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही समिति ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि सामान्य (जनरल) श्रेणी की यात्रा सस्ती बनी रहे। यदि सरकार समिति की सिफारिश मानती है, तो एसी श्रेणी के किराए में वृद्धि हो सकती है।
राजस्व घाटे को कम करने की जरूरत
भाजपा सांसद सी.एम. रमेश की अध्यक्षता वाली समिति ने 2024-25 के बजट अनुमानों का विश्लेषण किया। रिपोर्ट के अनुसार:
- माल ढुलाई से रेलवे को 1.8 लाख करोड़ रुपये का राजस्व होने का अनुमान है।
- यात्री किराए से केवल 80,000 करोड़ रुपये के राजस्व की संभावना है।
समिति का मानना है कि विभिन्न श्रेणियों के रेल किराए का विस्तृत विश्लेषण किया जाना चाहिए ताकि यात्री राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके।
एसी श्रेणी के किराए में बढ़ोतरी की संभावना
संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि:
- सामान्य श्रेणी का किराया सस्ता रखा जाए।
- ऑपरेटिंग कॉस्ट बढ़ने और घाटे को कम करने के लिए एसी श्रेणी के किराए की समीक्षा की जाए।
इसका मतलब यह हो सकता है कि आने वाले समय में एसी श्रेणी में यात्रा करना महंगा हो सकता है।
खर्चों की समीक्षा और ऑप्टिमाइजेशन की सिफारिश
समिति ने भारतीय रेलवे को यात्री ट्रेनों के ऑपरेशनल खर्चों की समीक्षा करने की सिफारिश की है। साथ ही, टिकटों की कीमतों को सस्ता बनाए रखने के लिए खर्चों को ऑप्टिमाइज़ करने पर भी जोर दिया गया है।
रेल मंत्रालय का बयान:
रेल मंत्रालय के मुताबिक, हर साल यात्रियों को करीब 56,993 करोड़ रुपये की छूट दी जा रही है। हर टिकट पर यात्रियों को 46 प्रतिशत का डिस्काउंट मिलता है।
कैटरिंग सेवाओं में सुधार की सिफारिश
समिति ने रेलवे की कैटरिंग सेवाओं को लेकर भी सिफारिशें की हैं:
- कैटरिंग सेवाओं को वित्तीय प्रदर्शन सुधारने के लिए खत्म करने का सुझाव।
- गुणवत्तापूर्ण भोजन को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपलब्ध कराने की सिफारिश की गई है।
- खानपान से जुड़े सामाजिक सेवा दायित्वों का वित्तीय बोझ कम करने की जरूरत बताई गई है।
रेलवे के निजीकरण पर बहस
रेलवे के निजीकरण की बहस को लेकर समिति ने रेलवे के बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने की सिफारिश की है।
विपक्ष के आरोप और रेल मंत्री का बयान:
- रेल संशोधन विधेयक 2024 के कारण विपक्ष ने इसे रेलवे के निजीकरण की ओर एक गुप्त कदम बताया है।
- हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जा रहा है।
बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की जरूरत
समिति ने कहा कि भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश की जरूरत है।
मुख्य सिफारिशें:
- रेलवे का एसी श्रेणी का किराया ऑपरेटिंग कॉस्ट के अनुरूप तय हो।
- साधारण श्रेणी का किराया सस्ता रखा जाए ताकि सभी वर्गों के लोग इसका लाभ उठा सकें।