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मोबाइल टावरों के उपकरण चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश

गाजियाबाद,03 मई (हि.स.)। क्राइम ब्रान्च ने शुक्रवार को मोबाइल टावरों के उपकरण चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के 06 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से चोरी का करीब 4 करोड रूपये का माल व चोरी करने मे प्रयुक्त उपकरण बरामद किये गए हैं।

एडीसीपी सच्चिदाननद ने बताया कि गिरोह गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर क्षेत्र, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में जियो व एअरटेल के मोबाइल टावरों से बैट्री, आरआर यूनिट व अन्य इलैक्ट्रानिक डिवाईस चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। अभी की नंदग्राम इलाके से पकड़ा गया है। गिरफ्तार किए गए बदमाशों के नाम केफ मलिक, सुमित कसाना,राहुल गोयल, सोहेल, शुएब व वसीम है।

पूछताछ में शातिर कैफ मलिक ने बताया कि उसने 02 वर्ष पूर्व बीए प्रथम वर्ष में पढाई छोड दी थी और अपने पिता फुरकान मलिक के साथ उनकी मुस्तफाबाद दिल्ली स्थित कबाड की दुकान पर काम करना शुरू किया। वहाँ वह शुएब से मिला जिसने उसे मोबाइल टावरों से चोरी की आरआरयू व अन्य इलैक्ट्रोनिक डिवाईस को बेचने के लिए कहा और यह भी कहा इस काम में लाखों का फायदा है। कैफ ने मार्केट मे पता करके जावेद से सम्पर्क किया जब माल लेने व देने की पूरी बात हो गयी तो इन लोगों ने मिलकर एक गिरोह बनाया। जिसमें चोरी करने के लिए सुहेल मलिक, वसीम, अल्ताफ व जुबैर तथा मोबाइल टावरों के मेन्टिनेन्स करने वाले इंजीनियर राहुल गोयल इनसे चोरी का माल लेकर कैफ मलिक, सुमित कसाना, मेरठ के नईम व दिल्ली के मेहराजुद्दीन के माध्यम से मुस्तफाबाद दिल्ली के जावेद व उसके भाई वसीम को बेच देते थे।

सुमित कसाना ने बताया वह बीए पास है । 04 साल पुलिस मे भर्ती की तैयारी की। फिर दिल्ली मे क्लब में बाऊन्सर / सिक्योरिटी की नौकरी करने लगा। क्लब मे ही उसे जावेद मिला जिसने उसे अपने पास कबाड के काम के लिए रख लिया। वह पिछले 04 वर्षो से जावेद के लिए काम करता है और माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाता है। जिसके उसे 5-10 हजार रुपये प्रति चक्कर अलग से मिलते है।

राहुल गोयल ने बताया कि उसने रूडकी से बीटेक किया है। उसका प्लेसमेन्ट नही हुआ तो प्राईवेट कम्पनियों में काम करने लगा वर्तमान समय मे वह सार टेली कन्सट्रक्शन्स प्राईवेट लिमिटेड में बतौर मैनेजर 04 वर्षो से काम कर रहा है। यह कम्पनी मोबाइल टावर के मेन्टिनेंन का काम करती है। पिछले कुछ समय से उसने पश्चिमी बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश व के ऑपरेशन व मेन्टिनेन्स स्टॉफ से मिलकर आरआरयू।की चोरी कराकर सुहेल, जुबैर, वसीम, कैफ को देकर लाभ कमा रहा है। शुएब मलिक ने पबताया कि वह 12वीं पास है और मुस्तफाबाद मे उसका कास्मैटिक का होलसेल का काम है । वह सुहेल व कैफ को जानता था उनके कहने पर वह आरआरयू को खरीदने व बेचने का काम करने लगा सुहेल मलिक ने बताया कि वह 12 वीं तक पढा हुआ है पहले वह दूध का काम करता था फिर मुस्तफाबाद मे कबाडे का काम करने लगा वहीं उसकी मुलाकात वसीम अलवी, अल्ताफ, जुबैर, शुएब व कैफ से हुई जिन्होनें उसे मोबाइल टावर से उपकरण चुराने वे बेचने मे शामिल कर लिया।

वसीम अलवी ने पूछने पर बताया वह 12वीं तक पढा है उसके पिता की सोरखा नोएडा सैक्टर 113 मे कबाडे की दुकान है वह भी कबाड की फेरी करने लगा उसकी मुलाकात सुहेल मलिक से हुई जिसने उसे मोबाइल टावर के आरआरयूके व अन्य उपकरण की चोरी व उसमे काफी लाभ होने की बात बतायी ।

सभी अभियुक्तों ने पूछने पर बताया पिछले कुछ वर्षों से मोबाइल टावरों की बैट्री, रेडियो रिसीवर यूनिट व अन्य इलैक्ट्रोनिक डिवाईस की चोर बजारी में काफी माँग चल रही है मोबाइल टावरों पर लगे उपकरण काफी मँहगे होते हैऔर इनको चुराना काफी आसान होता है।