केरल: केरल के कन्नूर जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां अस्पताल में मृत घोषित किए गए एक बुजुर्ग को मुर्दाघर ले जाते समय ज़िंदा पाया गया। यह चमत्कारिक घटना कन्नूर के ए.के.जी. मेमोरियल कोऑपरेटिव अस्पताल में हुई, जिसने अस्पताल के कर्मचारियों और परिजनों को स्तब्ध कर दिया।
क्या है मामला?
67 वर्षीय पवित्रन, जो सांस संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे थे, लंबे समय तक मंगलुरु के हेगड़े अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे। उनकी हालत में कोई सुधार न होने पर, परिवार ने डॉक्टरों की सलाह पर उनका लाइफ सपोर्ट हटाने का फैसला किया। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पवित्रन का शव परिवार की सहमति से मुर्दाघर के फ्रिज में रखने की तैयारी चल रही थी। इस दौरान, कुछ रिश्तेदार उनके अंतिम दर्शन के लिए आने वाले थे।
कैसे हुआ चमत्कार?
अचानक, जब अस्पताल कर्मचारी शव को मुर्दाघर ले जा रहे थे, तो उन्होंने देखा कि पवित्रन की एक उंगली हिल रही थी। यह देखकर कर्मचारी हैरान रह गए और तुरंत डॉक्टरों को बुलाया। डॉक्टरों ने तुरंत जांच की और पाया कि पवित्रन ज़िंदा हैं।
अंतिम संस्कार की तैयारी बीच में रुकी
पवित्रन की मौत की खबर अखबारों में छप चुकी थी और अंतिम संस्कार की तैयारी भी हो गई थी। लेकिन इस अप्रत्याशित घटना ने सबको चौंका दिया। परिवार और अस्पताल स्टाफ ने इसे चमत्कार बताया।
चर्चा का विषय बनी घटना
यह घटना अस्पताल में चर्चा का विषय बन गई है। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक दुर्लभ मामला हो सकता है, जिसमें व्यक्ति की पल्स इतनी धीमी हो जाती है कि उसे मृत समझ लिया जाता है। इस घटना ने एक बार फिर चिकित्सा विज्ञान और चमत्कार के सवालों को जन्म दिया है।