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मां-बाप का ध्यान नहीं, तो संपत्ति से होगा हाथ धोना, UP सरकार का बड़ा कदम!

उत्तर प्रदेश में संपत्ति पर अधिकार में संशोधन: बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए नए क़ानून

योगी सरकार ने संपत्ति पर अधिकार संबंधित नियमों में संशोधन की योजना की है, जिससे बुजुर्ग माता-पिता को होने वाली परेशानियों में काफी राहत मिलेगी। नवीनतम नियमावली में 2014 के समाज कल्याण विभाग के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम को संशोधित किया जाएगा।

नई नियमावली की मुख्य बातें:

1. 30 दिनों में संपत्ति से बेदखल करने का अधिकार:

नई नियमावली के तहत, बच्चों या रिश्तेदारों को अगर बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करने वाली संपत्ति से 30 दिनों के भीतर हटाने का अधिकार होगा। पुलिस भी इस प्रक्रिया में मदद करेगी।

2. नई प्रक्रिया की सरलता:

नये नियम रिश्तेदारों और संतानों को उनके बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करने वाली संपत्ति से हटाने की प्रक्रिया को और सरल बनाएगा।

3. समाज कल्याण विभाग की सलाह:

नवीनतम नियमावली को लेकर समाज कल्याण विभाग ने विशेषज्ञ वकीलों से सलाह ली है, ताकि योगी आदित्यनाथ को इसे सुरक्षित रूप से प्रस्तुत किया जा सके।

नियमावली में संशोधन की आवश्यकता:

2014 में बनाए गए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम में कुछ संशोधनों की आवश्यकता है ताकि वह बुजुर्गों के साथ संबंधित समस्याओं का समाधान कर सके।

समापन:

यह संशोधित नियम उत्तर प्रदेश में बुजुर्गों को उनकी संपत्ति से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने में मदद करेगा। नए नियम के अनुसार, संतानों को 30 दिनों के अंदर ही अपने बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करने वाली संपत्ति से हटाने का अधिकार होगा।