मां बनना हर महिला के जीवन का अहम अध्याय होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां बनने के बाद महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है? खास तौर पर, यह स्थिति उन महिलाओं के लिए और भी जटिल हो सकती है, जिन्हें मस्तिष्क की चोट लगी हो। एक शोध में पाया गया है कि जिन महिलाओं को मस्तिष्क की चोट लगी है, उनमें प्रसव के बाद गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होने का जोखिम 25 प्रतिशत अधिक होता है।
कनाडाई शोधकर्ताओं की एक टीम के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में प्रसवपूर्व देखभाल के दौरान अतीत में आघात का सामना कर चुके व्यक्तियों की पहचान करने तथा उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए दीर्घकालिक, आघात-सूचित सहायता प्रदान करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
शोध की मुख्य लेखिका कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी की सामंथा क्रूगर ने कहा कि हमने पाया कि जिन महिलाओं को मस्तिष्क की चोट का इतिहास रहा है, उनमें प्रसव के बाद के वर्षों में गंभीर मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने की संभावना बहुत अधिक है। क्रूगर ने कहा कि यह संबंध उन लोगों के लिए विशेष रूप से मजबूत था, जिन्हें पहले से कोई मानसिक बीमारी नहीं थी। अध्ययन में कहा गया है कि गर्भावस्था और प्रसवोत्तर देखभाल के दौरान मस्तिष्क की चोट एक महत्वपूर्ण लेकिन अनदेखा जोखिम कारक हो सकता है। टीम ने 2007 से 2017 के बीच कनाडा के ओंटारियो प्रांत में जन्म देने वाली 7,50,000 से अधिक महिलाओं की निगरानी की और प्रसव के बाद 14 वर्षों तक मानसिक स्वास्थ्य की निगरानी की।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल साइकियाट्री में प्रकाशित परिणामों से पता चला कि 11 प्रतिशत महिलाएं जो पहले मस्तिष्क की चोट से पीड़ित थीं, उनमें गंभीर मानसिक बीमारी विकसित हुई, जबकि बिना किसी पूर्व आघात के सात प्रतिशत महिलाओं में यह संख्या थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन महिलाओं को पहले से कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या नहीं थी, उनमें पहले से मस्तिष्क की चोट होने से गंभीर मानसिक बीमारी विकसित होने का जोखिम 33 प्रतिशत बढ़ गया। टोरंटो स्कारबोरो विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य और समाज विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिलेरी ब्राउन ने कहा कि सिर की चोट के बाद ठीक होने के लिए नींद बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन कई नए माता-पिता के लिए नींद की कमी एक वास्तविकता है।