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मांस खाने की बीमारी का आतंक, 48 घंटे के अंदर मरीज की मौत

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जापान में “मांस खाने वाले बैक्टीरिया” नामक खतरनाक बीमारी फैल रही है। इस बीमारी का कारण एक खतरनाक बैक्टीरिया है, जो शरीर के ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है और घातक हो जाता है। यह बैक्टीरिया खासतौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित कर रहा है।

इस बीमारी को स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS) कहा जाता है। ये बैक्टीरिया शरीर में सूजन, गले में खराश और तेज दर्द जैसे लक्षण पैदा करते हैं। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो ये बैक्टीरिया 48 घंटों के भीतर किसी व्यक्ति की जान ले सकते हैं। जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिजीज के मुताबिक, अब तक इस बीमारी के करीब 1,000 मामले सामने आ चुके हैं।

ये बैक्टीरिया कैसे फैलते हैं ?

यह बैक्टीरिया सीधे मांस नहीं खाता है, लेकिन शरीर के ऊतकों को मारता है, जिससे सूजन और दर्द होता है। इसे मांसाहारी कहा जाता है क्योंकि यह शरीर के ऊतकों को नष्ट कर देता है। इन जीवाणुओं के संक्रमण से नेक्रोसिस (ऊतक की मृत्यु) हो जाती है, जिससे शरीर में सूजन, सांस लेने में कठिनाई और अंग विफलता जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

जापानी स्वास्थ्य अधिकारी क्या कर रहे हैं ?

जापान में स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है। लोगों को इस बीमारी के खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. डॉक्टरों का मानना ​​है कि इस साल के अंत तक इस बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 30 फीसदी तक पहुंच सकती है.

कैसे बचाएं ?

डॉक्टरों ने लोगों को बीमारी से बचने के लिए बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने और किसी भी खुले घाव/जख्म का तुरंत इलाज कराने की सलाह दी है। इन बैक्टीरिया का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है, इसलिए सावधानियां बहुत जरूरी हैं। यह बीमारी अब ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड और स्वीडन जैसे कई यूरोपीय देशों में फैल गई है, जहां बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसलिए इस बीमारी का जल्दी पता लगाना और समय पर इलाज करना बहुत जरूरी है।

संक्रमित होने पर इन सावधानियों का पालन करें

तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: अगर आपको इस बैक्टीरिया से संक्रमण हो जाए तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें। शीघ्र उपचार से गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है।

घाव/जख्म की देखभाल: संक्रमित घावों को साफ और सूखा रखें। घाव को बार-बार साफ करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई ड्रेसिंग का उपयोग करें।

स्वच्छता बनाए रखें: अपने हाथ नियमित रूप से धोएं, खासकर जब आप घावों को छूते हैं। इससे संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी.

लक्षणों पर नज़र रखें: यदि आपको संक्रमण की स्थिति बिगड़ती हुई दिखाई देती है, जैसे कि सूजन में वृद्धि, गंभीर दर्द या बुखार, तो तुरंत डॉक्टर को सूचित करें।

आइसोलेशन का पालन करें: अगर डॉक्टर ने सलाह दी है तो खुद को दूसरों से अलग कर लें, ताकि संक्रमण और न फैले।