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महिलाओं के व्यायाम पर गर्भनिरोधक गोलियों का असर? आईआईटी मद्रास के शोध के नतीजे चौंकाने वाले

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महिलाओं के लिए मौखिक गर्भ निरोधकों (बर्थ कंट्रोल पिल्स) के इस्तेमाल को लेकर एक सकारात्मक खबर सामने आई है। आईआईटी मद्रास और अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया है कि मौखिक गर्भ निरोधकों के इस्तेमाल से बड़ी मांसपेशियों की गतिविधि (जैसे साइकिल चलाना या दौड़ना) के दौरान रक्तचाप नहीं बढ़ता है।

 

अध्ययन में 20-25 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं को शामिल किया गया और पाया गया कि न तो मौखिक गर्भ निरोधकों और न ही मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव का उनके व्यायाम रक्तचाप पर कोई प्रभाव पड़ा।

 

मौखिक गर्भनिरोधक और हार्मोनल प्रभाव

गर्भनिरोधक के साथ-साथ मुंहासे, मासिक धर्म के दर्द और डिम्बग्रंथि अल्सर के जोखिम को कम करने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में आराम की स्थिति में इनका उपयोग रक्तचाप बढ़ा सकता है। हालांकि, गहन व्यायाम के दौरान इसका प्रभाव अभी तक स्पष्ट नहीं था।

अध्ययन में पाया गया कि मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोन एस्ट्राडियोल या मौखिक गर्भनिरोधक के उतार-चढ़ाव का महिलाओं के रक्तचाप पर कोई खास असर नहीं पड़ा। निष्कर्षों से यह भी पता चला कि व्यायाम दबाव प्रतिवर्त (जो हृदय से मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है) महिलाओं में प्रभावित नहीं हुआ।

 

भविष्य के दिशानिर्देश

आईआईटी मद्रास की डॉ. निनिथा ए.जे. इस शोध से महिलाओं को व्यायाम के दौरान रक्तचाप को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। साथ ही, मिनेसोटा विश्वविद्यालय की डॉ. मंदा केलर रॉस ने कहा कि अगला कदम यह समझना होगा कि क्या यह ईपीआर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हृदय संबंधी जोखिम को बढ़ाता है। यह अध्ययन प्रतिष्ठित अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी-रेगुलेटरी, इंटीग्रेटिव एंड कंपेरेटिव फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुआ था।