महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में विस्तार के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार को शामिल नहीं किया गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुनगंटीवार ने कहा कि उन्हें इससे कोई निराशा नहीं है और वे संगठन के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका नाम शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची में था, लेकिन बाद में हटा दिया गया।
मुनगंटीवार का संयमित बयान
मुनगंटीवार ने कहा, “मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगा और विधानसभा में उनके कल्याण के मुद्दे उठाता रहूंगा।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह संगठन के व्यक्ति हैं और पार्टी द्वारा दी गई किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हैं।
मुनगंटीवार के मुताबिक, उन्हें पहले मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की जानकारी दी गई थी, लेकिन आखिरी समय में उनका नाम हटा दिया गया। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं मालूम कि मेरा नाम क्यों हटाया गया। इसमें निराश होने की कोई बात नहीं है। पार्टी मुझे जो भी भूमिका देगी, मैं उसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा।”
देवेंद्र फडणवीस का आश्वासन
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर कहा कि मुनगंटीवार एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें कोई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। फडणवीस ने कहा, “मैंने मुनगंटीवार से बात की है। पार्टी नेतृत्व उनके अनुभव और काबिलियत को देखते हुए कोई और भूमिका सौंपेगा।”
मंत्रिमंडल विस्तार का विवरण
रविवार को नागपुर में हुए शपथ ग्रहण समारोह में महायुति गठबंधन के कुल 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसमें शामिल हैं:
- भाजपा: 19 मंत्री
- शिवसेना (शिंदे गुट): 11 मंत्री
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट): 9 मंत्री
इनमें से 33 कैबिनेट मंत्री और 6 राज्य मंत्री हैं।
सुधीर मुनगंटीवार की अनुपस्थिति और गडकरी से मुलाकात
मुनगंटीवार नागपुर में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने विधानमंडल सत्र के पहले दिन भाग नहीं लिया। जब उनसे पूछा गया कि क्या पार्टी नेतृत्व उनसे नाराज है, तो उन्होंने कहा, “अगर ऐसा है तो वे मुझे फोन करके बताएंगे। पार्टी मुझे कोई और जिम्मेदारी दे सकती है।”
सोमवार को मुनगंटीवार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से उनके नागपुर स्थित आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी जल्द ही उन्हें कोई नई जिम्मेदारी सौंप सकती है।
रामदास अठावले की नाराजगी पर बावनकुले का बयान
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने रामदास अठावले की नाराजगी पर कहा कि शपथ ग्रहण समारोह 14 तारीख को होना था, लेकिन विधायकों के पहले ही नागपुर पहुंच जाने के कारण इसका स्थान बदलना पड़ा। उन्होंने कहा, “मैंने सभी दलों को आमंत्रण भेजे थे, लेकिन रामदास अठावले को निमंत्रण नहीं भेज पाया। इसके लिए मैंने उनसे क्षमा मांगी है। महायुति में उनका बड़ा स्थान है और हम उनका सम्मान करते हैं।”