महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और कोलकाता पुलिस ने अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाते हुए कई गिरफ्तारियां की हैं। ये नागरिक फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारत में रह रहे थे।
महाराष्ट्र में 16 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार
महाराष्ट्र एटीएस ने नवी मुंबई, ठाणे, और सोलापुर में एक विशेष अभियान चलाकर छह महिलाओं सहित कुल 16 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया।
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया:
“पिछले 24 घंटों में सात पुरुषों और छह महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। इन सभी के खिलाफ विदेशी अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।”
फर्जी दस्तावेज बनाकर भारत में प्रवेश
जांच में सामने आया है कि इन नागरिकों ने फर्जी आधार कार्ड और अन्य भारतीय दस्तावेज तैयार कराए थे।
- जालना जिले में गिरफ्तारियां:
- एटीएस और पुलिस ने भोकरदन तालुका के अनवा और कुंभारी गांवों से तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया।
- ये लोग क्रशर मशीनों पर काम कर रहे थे और पिछले दो साल से भारत में अवैध रूप से रह रहे थे।
- आरोपियों ने फर्जी पहचान पत्र बनवाकर भारत में काम और ठहरने की व्यवस्था की थी।
इन नागरिकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और विदेशी अधिनियम की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
कोलकाता में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए
कोलकाता पुलिस ने महानगर के पार्क स्ट्रीट इलाके में एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया, जो फर्जी पहचान पत्रों के साथ रह रहा था।
- आरोपी ने फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड तैयार किए थे, जिन पर उत्तर 24 परगना का पता लिखा था।
- आरोपी 2023 से खिदरपुर इलाके में किराए पर रह रहा था।
पार्क स्ट्रीट के पास एक और गिरफ्तारी
पार्क स्ट्रीट के पास मार्क्विस स्ट्रीट इलाके में एक और बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया गया। वह कई वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के साथ शहर में रह रहा था।
पुलिस के अनुसार, इन मामलों में फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह की पहचान के लिए जांच चल रही है।
देशभर में जारी अभियान
इससे पहले, असम पुलिस ने भी एक बड़े अभियान में एक प्रतिबंधित इस्लामी संगठन के आठ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था। यह बताता है कि भारत में अवैध प्रवेश और फर्जी दस्तावेजों के जरिए रहने वाले लोगों पर प्रशासन की कड़ी नजर है।
गिरफ्तारियों का महत्व
- इन गिरफ्तारियों से यह स्पष्ट हुआ है कि फर्जी दस्तावेजों का नेटवर्क व्यापक रूप से सक्रिय है।
- यह नेटवर्क केवल अवैध निवासियों को दस्तावेज उपलब्ध कराता है, बल्कि भारत की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है।
- पुलिस और प्रशासन इन मामलों में शामिल हर व्यक्ति और गिरोह का पता लगाने के लिए पूछताछ कर रहे हैं।