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महाकुंभ 2025: ‘चाय वाले बाबा’ और विदेशी भक्त पास्कल ने बटोरी सुर्खियां

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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में जहां करोड़ों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर रहे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से आए एक अनोखे संन्यासी, ‘चाय वाले बाबा’ ने सबका ध्यान खींचा है। दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी के नाम से मशहूर यह संन्यासी पिछले 40 वर्षों से मौन साधना और अन्न त्याग करते हुए सिविल सेवा के छात्रों को निःशुल्क कोचिंग दे रहे हैं। बाबा का जीवन केवल दस कप चाय पर आधारित है, और वे व्हाट्सएप के माध्यम से छात्रों को शिक्षित करते हैं।

‘चाय वाले बाबा’ का अनूठा जीवन

बाबा के शिष्य राजेश सिंह बताते हैं, “गुरुजी मौन रहते हैं और हमें उनके इशारों व व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से मार्गदर्शन मिलता है। उनका उद्देश्य युवाओं को अधिकारी बनाना है।” बाबा का मानना है कि मौन साधना से ऊर्जा का संचय होता है, जिसे वे समाज की भलाई के लिए समर्पित करते हैं।

विदेशी भक्त पास्कल की भक्ति

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच, फ्रांस की पास्कल भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। भगवान शिव की अनन्य भक्त पास्कल ने प्रयागराज के इस भव्य आयोजन में भाग लेकर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “यह पवित्र स्थान आत्मा की शुद्धि के लिए अद्भुत है। मैंने यहां योगियों, साधुओं और हिंदू धर्मावलंबियों से मुलाकात की और उनकी आध्यात्मिकता से गहराई से प्रभावित हुई।”

महाकुंभ का आस्था संगम

हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हो रहा है। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर भक्तगण स्नान कर अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, और वसंत पंचमी के शाही स्नान मुख्य आकर्षण हैं।

इस महाकुंभ में जहां आस्था का महासंगम हो रहा है, वहीं ‘चाय वाले बाबा’ जैसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व और विदेशी भक्त पास्कल की भक्ति ने आयोजन को और खास बना दिया है।