Tuesday , January 7 2025

महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर विवाद: वक्फ बोर्ड की जमीन का दावा और धर्मांतरण पर चिंता

Maulana Shahabuddin Razvi Barelv

महाकुंभ 2025 की तैयारियों के बीच मुसलमानों की एंट्री को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर साधु-संत और अखाड़ा परिषद मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की बात कर रहे हैं, वहीं मुस्लिम धर्मगुरु इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।

वक्फ बोर्ड की जमीन का दावा

आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रविवार को बयान जारी करते हुए दावा किया कि प्रयागराज में महाकुंभ मेला जिस जमीन पर आयोजित हो रहा है, वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। उन्होंने कहा कि यह जमीन लगभग 54 बीघा है। मौलाना ने प्रयागराज के मुसलमानों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बड़े दिल का परिचय देते हुए कुंभ मेले के लिए कोई आपत्ति नहीं जताई है।

उन्होंने कहा,

“मुसलमानों ने इस जमीन पर कुंभ मेले के आयोजन को लेकर सहयोग किया है, लेकिन अखाड़ा परिषद और संत मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। उन्हें इस सोच को छोड़कर मुसलमानों की तरह बड़ा दिल दिखाना चाहिए।”

धर्मांतरण पर चिंता

मौलाना शहाबुद्दीन ने महाकुंभ में मुसलमानों के धर्मांतरण की आशंका पर भी चिंता जताई। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा,

“मुझे जानकारी मिली है कि कुंभ मेले में सैकड़ों मुसलमानों का धर्मांतरण कराने की योजना है। राज्य सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ कानून पास किया है, ऐसे में यह कार्यक्रम न केवल कानून का उल्लंघन होगा बल्कि प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव भी बढ़ा सकता है।”

अखाड़ा परिषद का पक्ष

साधु-संतों और अखाड़ा परिषद की ओर से अब तक मुसलमानों के प्रवेश को लेकर विवादित बयान जारी किए गए हैं। उनका कहना है कि महाकुंभ हिंदू धार्मिक आयोजन है और इसमें अन्य धर्मों के लोगों की उपस्थिति अनावश्यक है।