भारत सरकार अमेरिका से आयात होने वाले कुछ विशेष प्रकार की स्टील, महंगी मोटरसाइकिलों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर शुल्क (टैरिफ) में कटौती करने पर विचार कर रही है। यह निर्णय शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के समय पर औपचारिक रूप से घोषित किया जा सकता है। वर्तमान में, भारत अमेरिका से आने वाली 20 वस्तुओं पर 100 प्रतिशत से अधिक का शुल्क लगाता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान
एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटनाक्रम ऐसे समय पर सामने आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, चीन और ब्राजील को “भारी टैरिफ लगाने वाले देश” बताया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में फ्लोरिडा में रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों से कहा कि अमेरिका उन देशों पर शुल्क लगाएगा जो अमेरिका को “नुकसान” पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा, “चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों को उच्च शुल्क लगाने वालों में रखा गया है। हम उन देशों पर शुल्क लगाने जा रहे हैं जो वास्तव में हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।”
ट्रंप की ‘टैरिफ रणनीति’
ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि अमेरिका उन देशों पर टैरिफ लगाएगा जो अमेरिका के हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कोई देश अमेरिका पर 10 सेंट, 2 डॉलर या 100 प्रतिशत टैक्स लगाता है, तो अमेरिका भी उतना ही टैरिफ लगाएगा। यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा की तैयारी के संदर्भ में आया है।
अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना
ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत, वे आयातित उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर अमेरिका में निर्माण उद्योग को बढ़ावा देना चाहते हैं। उनका मानना है कि स्टील, सेमीकंडक्टर्स, दवाओं और अन्य प्रमुख वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर अमेरिका में रोजगार और उद्योगों को वापस लाया जा सकता है।
इसके अलावा, ट्रंप की ‘टैरिफ हथियार नीति’ कोलंबिया के साथ हालिया विवादों के कारण चर्चा में है, जहां अमेरिकी प्रशासन ने कोलंबियाई उत्पादों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का निर्णय लिया। ट्रंप का यह मानना है कि उनकी शुल्क नीति अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी और वैश्विक व्यापार में अमेरिका को अधिक लाभ दिलाएगी।
इस स्थिति में, भारत की संभावित शुल्क कटौती और अमेरिका की व्यापारिक रणनीतियों के बीच तनाव और सहयोग की नई परतें खुल सकती हैं।