मां का दूध बच्चे के लिए अमृत माना जाता है। इसमें एंटीबॉडी और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। इसका असर न केवल बच्चे के वर्तमान बल्कि भविष्य के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। ऐसे में हर मां को अपने बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लंबे समय तक स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार मां का दूध पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता है, इसलिए बच्चे की भूख मिटाने के लिए मां का दूध देने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचता है।
डॉ. पल्लवी वासल, नैदानिक निदेशक, प्रसूति एवं आनुवंशिकी विभाग, मारेंगो एशिया अस्पताल, गुरुग्राम, बताती हैं कि स्तन के दूध का उत्पादन सामान्य स्वास्थ्य, जलयोजन और पोषण सहित कई कारकों पर निर्भर करता है।
स्तन का दूध बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थ:
ओट्स – ओट्स आयरन और फाइबर से भरपूर होते हैं और स्तन के दूध के उत्पादन में मदद करते हैं। वे ऊर्जा प्रदान करते हैं और रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखते हैं, जो स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
मेथी- मेथी के दानों का उपयोग सदियों से स्तन का दूध बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन चाय के रूप में या भोजन में मिलाकर कर सकती हैं।
बादाम, अलसी के बीज और चिया बीज में फैटी एसिड और प्रोटीन होते हैं जो स्तन के दूध के उत्पादन को बढ़ाते हैं। ऐसे में अगर बच्चे को पर्याप्त मात्रा में मां का दूध नहीं मिलता है तो इसका सेवन मददगार हो सकता है।
दूध और डेयरी उत्पाद- दूध और अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करने से शरीर को अधिक दूध का उत्पादन करने में मदद मिलती है, जो प्रोटीन के सेवन में वृद्धि से उत्पन्न होता है। इसके अलावा इससे शरीर को कैल्शियम भी मिलता है, जो मां और बच्चे के लिए जरूरी है।
बाजरा – ये अनाज न केवल निरंतर ऊर्जा स्तर प्रदान करते हैं बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं। ये पचाने में आसान होते हैं और दूध उत्पादन में मदद करते हैं।
जलयोजन और संतुलित आहार महत्वपूर्ण हैं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दूध उत्पादन के लिए पर्याप्त जलयोजन आवश्यक है। स्तनपान कराने वाली माताओं को पूरे दिन खूब पानी, हर्बल चाय और प्राकृतिक जूस पीना चाहिए। इसके अलावा, संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है जिसमें फल, सब्जियां, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज शामिल हों।