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बेंगलुरु: आत्महत्या के मामले में अतुल सुभाष की पत्नी और ससुराल वालों ने जमानत के लिए कोर्ट का रुख किया

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AI इंजीनियर अतुल सुभाष (34) की आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी, सास और साले ने गुरुवार को बेंगलुरु की स्थानीय अदालत में जमानत याचिका दाखिल की। आरोपियों में पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, और साले अनुराग सिंघानिया शामिल हैं। इन्हें इस सप्ताह दिल्ली और उत्तर प्रदेश से बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

अतुल के भाई बिकास कुमार ने मराठहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इन तीनों ने अतुल को आत्महत्या के लिए उकसाया। अब सभी आरोपियों ने कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है।क्या है मामला?

अतुल सुभाष, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी, बेंगलुरु के मुननेकला इलाके में रहते थे।

  • 9 दिसंबर को वे अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए।
  • घटना के बाद उनके भाई ने आरोप लगाया कि निकिता और उसके परिवार ने 3 करोड़ रुपये की मांग की थी, ताकि वे अतुल के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस ले सकें।
  • बेटे से मिलने के लिए अलग से 30 लाख रुपये की मांग की गई थी।

गिरफ्तारी और जमानत याचिका

  • निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया।
  • निशा और अनुराग सिंघानिया को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया।
  • तीनों को बेंगलुरु की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

अब तीनों आरोपियों ने एक संयुक्त जमानत याचिका दाखिल की है। इस पर अदालत में सुनवाई जारी है।

अतुल और निकिता का विवादित रिश्ता

  • अतुल और निकिता की शादी 2019 में हुई थी।
  • शादी के कुछ समय बाद दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया।
  • निकिता ने अतुल पर हत्या के प्रयास, दहेज प्रताड़ना, और अप्राकृतिक संबंध जैसे 9 गंभीर आरोप लगाए थे।
  • इनमें से कुछ मामलों में अतुल के माता-पिता भी सह-अभियुक्त बनाए गए थे।

अतुल का सुसाइड नोट और वीडियो

अतुल ने आत्महत्या से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 81 मिनट का एक वीडियो छोड़ा था।

  • सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया।
  • अतुल ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की पारिवारिक अदालत की एक न्यायाधीश उनके ससुराल वालों के पक्ष में झुकी हुई थीं।
  • उन्होंने कहा कि बार-बार मांगों और कोर्ट के मामलों से उन्हें परेशान किया गया।

शिकायतकर्ता बिकास कुमार का कहना है:

“मेरे भाई को लगातार ताने मारे गए और कहा गया कि अगर वे मांगें पूरी नहीं कर सकते, तो मर जाएं।”

सामाजिक और कानूनी विवाद

इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पहले निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया को अग्रिम जमानत दी थी। वहीं, बेंगलुरु पुलिस अब आत्महत्या से जुड़े हर पहलू की गहन जांच कर रही है।