महोबा, 27 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की वीर भूमि में चंदेल कालीन राजाओं के द्वारा एक से एक ऐतिहासिक धरोहरों का निर्माण कराया, जहां आप भारतीय संस्कृति और समृद्ध इतिहास की झलक देख सकते हैं। ऐतिहासिक धरोहरों में से एक कल्याण सागर सरोवर भी है जिसका निर्माण 20वें चंदेल राजा वीर वर्मन द्वितीय के द्वारा के अपनी पत्नी की याद में उनके नाम पर कराया गया। अव्यवस्था के चलते सराेवर का रकबा लगातार घट रहा है व लाेगाें द्वारा गंदगी डालने
से दूषित किया जा रहा है।
इतिहासकारों के अनुसार तत्कालीन चंदेल नरेश वीर वर्मन ने अपनी पत्नी कल्याणी देवी की याद में वर्ष 1242 से 1286 के मध्य कल्याण सागर का निर्माण कराया था। कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कल्याण सागर की सुंदरता का नजारा देखते ही बनता था। ज्यादा अर्सा नहीं हुआ महज 10 वर्षों में कल्याण सागर सड़क से दिखना बंद हो गया है। तालाब व राष्ट्रीय राजमार्ग के मध्य रसूखदार लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिए हैं। ऐतिहासिक सरोवर की खाली जमीन पर जबरन कब्जा करने वालों की कमी नहीं रही। देखते ही देखते एक दशक में पूरा मोहल्ला ही बस गया।
नगर के जागरुक लोगों ने एक-एक कर तमाम शिकायतें की पर राजनैतिक रुप से असरदार लोगों के द्वारा जांच में मनमाफिक रिपोर्ट लगवा कर अपने खिलाफ होने वाली कार्यवाही रोक ली गई। ऐतिहासिक सरोवर कल्याण सागर की जमीन पर बसी अवैध कालोनी को गिराने की बजाए प्रशासन ने मोहल्ले के लोगों को सीसी सड़क सहित बिजली की सुविधा मुहैया करा अवैध निर्माण पर वैधता की मुहर लगा दी।
लोगों के द्वारा तालाब में डाली जा रही गंदगी
ऐतिहासिक सरोवर के चारों तरफ से अतिक्रमण का शिकार होता जा रहा है जहां सरोवर के किनारे रहने वाले लोगों के द्वारा गंदगी तालाब में डाली जा रही है जिसके कारण तालाब का पानी भी लगातार दूसरे हो रहा है। भूमाफियाओं के द्वारा सरोवर की जमीन पर मिट्टी भरा कर प्लाटिंग की जा रही है और सस्ते प्लाटों के चक्कर में लोग प्लाट भी खरीद रहे हैं। ऐतिहासिक सरोवर का क्षेत्रफल लगातार कम होता जा रहा है।
करोड़ों खर्च होने के बाद भी सरोवर की स्थिति जस की तस उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा 2022 में 98.28 लाख रुपये की ऐतिहासिक सरोवर कल्याण सागर के सौंदर्यीकरण का कार्य कराया गया। सरोवर में फैली जलकुंभी को हटाने के लिए नगर पालिका के द्वारा करोड़ों रुपए की मशीन मंगा कर सरोवर की सफाई कराने का दम भरा लेकिन ऐतिहासिक सरोवर की हालत जस की तस बनी हुई है और पूरा सरोवर इस समय जलकुंभी से पटा हुआ है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अवधेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरोवर की सफाई करने वाली मशीन को एक सरोवर से दूसरे सरोवर में ले जाने में काफी परेशानी होती है। अभी ऐतिहासिक कीरत सागर सरोवर में सफाई अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद कल्याण सागर सरोवर में फैली जलकुंभी की सफाई कराई जाएगी।
दिन प्रतिदिन घट रहा सरोवर का रकबा
वीर भूमि के बुजुर्ग विष्णुरात चतुर्वेदी, दुर्गा प्रसाद, राम नारायण व भजन लाल आदि बुजुर्ग कहते है कल्याण सागर महोबा की शान है। यह ऐतिहासिक सरोवर लगभग 100 बीघा क्षेत्रफल में फैला हुआ था। शादी व्याह से जुडे़ तमाम रीति-रिवाज कल्याण सागर में ही होते रहे हैं और अब दिन प्रतिदिन सरोवर का दायरा सिकुड़ता जा रहा है ।बुजुर्गो की माने तो आने वाले 20 से 30 साल बाद कल्याण सागर का रहा अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। तालाबों को बचाने वाला कोई नहीं है।